उत्तर प्रदेश : दुनिया भर में हो रही है योगी मॉडल की तारीफ

उत्तर प्रदेश : दुनिया भर में हो रही है योगी मॉडल की तारीफ

विश्व स्वास्थ्य संगठन के बाद ऑस्ट्रेलियाई सांसद क्रेग केली ने भी कोरोना से बचाव के लिए लागू यूपी मॉडल की तारीफ

देश में फैले कोरोना के समय अलग अलग राज्य ने अलग अलग नीति अपनाई। इस समय के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के काम की सराहना विश्व स्तर पर हो रही है। ऑस्ट्रेलियाई सांसद क्रेग केली ने भी यूपी मॉडल की तारीफ करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि  डेल्टा वेरिएंट पर अंकुश लगाने के लिए योगी सरकार ने सख्त नीति अपनाई है और इसके कारन यूपीए ने यूके से भी बेहतर प्रदर्शन किया है। क्रेग ने अपने ट्वीट में यूपी और यूके के आंकड़ों और आबादी की तुलना की। उन्होंने लिखा कि भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 20.42 करोड़ है। उत्तर प्रदेश ने ओवरमेक्टिन का उपयोग करके कोरोना वायरस के डेल्टा संस्करण के खिलाफ लड़ाई जीत ली है। यूपी में आज कोरोना के 182 नए मामले सामने आए हैं।
आपको बता दें कि ब्रिटेन की आबादी 67 मिलियन है। इवरमेक्टिन को यूके में खारिज कर दिया गया था और कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। ब्रिटेन में एक दिन में कोरोना के 20,479 नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी योगी सरकार के काम प्रबंधन की तारीफ की थी। डब्ल्यूएचओ ने ग्रामीण क्षेत्रों में राज्य सरकार के सूक्ष्म प्रबंधन की प्रशंसा की। WHO ने अपनी वेबसाइट पर यूपी के कोरोना नियंत्रण की तारीफ की। कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान भी WHO ने योगी सरकार के प्रबंधन की तारीफ की थी।
आपको बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने यूपी के ग्रामीण इलाकों में कोरोना जांच अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार ने राज्य के 75 जिलों के 97941 ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर जांच, आइसोलेशन और मेडिकल किट समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई हैं। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने आक्रामक रणनीति अपनाई है। यूपी में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए संक्रामक रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अभियान चलाया गया है। राज्यव्यापी विशेष रोग नियंत्रण अभियान 31 जुलाई तक चलेगा।
इस अभियान में संक्रामक रोगों से लोगों को अवगत कराते हुए बचाव एवं बचाव के विशेष प्रबंध किये जायेंगे। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए 12 से 25 जुलाई तक नॉकआउट अभियान चलाया जाएगा। दस्तक अभियान में निगरानी समितियां घर-घर जाएंगी। वहीं इस अभियान में फ्रंट लाइन वर्कर, आशा और आंगनबाडी वर्कर सहयोग करेंगे। बच्चों के लिए बनाई गई दवा किट के अलावा अन्य बीमारियों के लिए भी नि:शुल्क दवा उपलब्ध कराई जाएगी।