उत्तर प्रदेश : अपने पिता को लीवर दान देने के लिए बेटे ने मांगी उच्चतम न्यायालय से अनुमति

उत्तर प्रदेश : अपने पिता को लीवर दान देने के लिए बेटे ने मांगी उच्चतम न्यायालय से अनुमति

१७ साल के एक बच्चे ने दायर की सुप्रीम कोर्ट में याचिका, कोर्ट ने योगी सरकार से माँगा जवाब

उत्तर प्रदेश में एक 17 साल का लड़का अपने पिता को अपना लीवर दान देना चाहता है। इसके लिए बाकायदा उसने सुप्रीम कोर्ट एक याचिका दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से जवाब मांगा है। मामले में मिली जानकारी की माने तो पिता को लीवर ट्रांसप्लांट की सख्त जरूरत है। उनकी हालत नाजुक है। यदि उन्हें लिवर प्रत्यारोपण नहीं मिलता है, तो उनकी मृत्यु हो सकती है।

आगे की सुनवाई कल होगी


वहीं मामलें को जानने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 17 साल के इस लड़के की याचिका पर यूपी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को सुनवाई की अगली तारीख 12 अगस्त को पेश होने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि लिवर डोनेट किया जा सकता है या नहीं यह देखने के लिए नाबालिग का प्रारंभिक परीक्षण किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में CJI यू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका पर नोटिस जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से अपने आदेश से राज्य सरकार और उसके स्वास्थ्य सचिव को अवगत कराने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगी अनुमति


याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता लड़के ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसके पिता की हालत नाजुक है। उसे लीवर ट्रांसप्लांट की सख्त जरूरत है। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी है। देश के नियम कुछ शर्तों के तहत नाबालिगों द्वारा अंगदान की अनुमति नहीं देते हैं। मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण नियम 2014 में कहा गया है कि राज्य सरकारें और संबंधित प्राधिकरण नाबालिगों से अंग दान के लिए मंजूरी दे सकते हैं।