सरकारी टेस्टिंग किट का दुरूपयोग करने वाले डॉक्टर को मिली अनोखी सजा, करनी होगी कोरोना मरीजों की मुफ्त सेवा

सरकारी टेस्टिंग किट का दुरूपयोग करने वाले डॉक्टर को मिली अनोखी सजा, करनी होगी कोरोना मरीजों की मुफ्त सेवा

अपने निजी क्लिनिक में लोगों से पैसे लेकर सरकारी रैपिड टेस्ट किट से करते थे कोरोना टेस्ट, कोरोना महामारी के बीच डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए कोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा

राज्य में कोरोना महामारी के बीच लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर कुछ डॉक्टरों द्वारा लोगों से अत्यधिक फीस वसूलने के भी मामले सामने आए हैं। कुछ मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा दवाओं के लिए लोगों से अत्यधिक शुल्क वसूलने के मामले भी सामने आए हैं। ऐसे में दाहोद की एक अदालत ने सरकारी एंटीजन टेस्ट किट का अवैध रूप से इस्तेमाल करने और लोगों से पैसे लेने के आरोप में एक डॉक्टर को अनोखी सजा सुनाई है। सजा के तौर पर इस डॉक्टर को 30 सितंबर तक सप्ताह में चार दिन आठ घंटे कोरोना मरीजों का मुफ्त इलाज करना होगा।
जानकारी के अनुसार, दाहोद जिले के झालोद तालुका के लेमडी में डॉक्टर करण देवदा श्रद्धा सबुरी नाम का एक क्लिनिक चलाते हैं। आरोपी डॉ करण देवड़ा सरकारी रैपिड टेस्ट किट से अपने अस्पताल में लोगों से पैसे लेकर कोरोना टेस्ट करते थे। जब झालोद तालुका के स्वास्थ्य अधिकारी को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने डॉ करण देवड़ा के श्रद्धा सबुरी क्लिनिक पर छापा मारा और छापे के दौरान डॉक्टर के अस्पताल से एक सरकारी एंटीजन टेस्ट किट मिली। इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारी ने डॉ करण के खिलाफ लेमडी थाने में शिकायत दर्ज कराई।
(Photo : news18.com)
लेमडी पुलिस ने डॉ करण देवड़ा के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। बाद में, डॉक्टर की पूछताछ में पता चला कि धर्मेंद्र चौहान नाम का एक व्यक्ति झालोद तालुका स्वास्थ्य कार्यालय में काम कर रहा था और उसे रैपिड टेस्ट किट दिया करता था। हालांकि इस मामले सामने आते ही धर्मेंद्र चौहान अंडरग्राउंड हो गया हैं। लेमडी पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तार कर झालोद कोर्ट में पेश किया। डॉक्टर ने कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी लेकिन दाहोद सेशन कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
कोर्ट ने जिला कलेक्टर विजय खराड़ी और जिला विकास अधिकारी से सलाह मशविरा कर डॉक्टर को अलग तरह की सजा दी है। जिसमें डॉ करण को कोरोना महामारी के बीच मरीजों की सेवा करनी होगी और आरोपी डॉक्टर करण को 30 सितंबर तक सोमवार से गुरुवार यानी सप्ताह में चार दिन जिला सरकारी अस्पताल में आठ घंटे मुफ्त में कोरोना मरीज का इलाज करना होगा। । कोरोना महामारी के बीच डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए कोर्ट ने उन्हें डॉक्टर की योग्यता के मुताबिक सजा दी है।