दो नर्सों ने फर्जी कोविड वैक्सीन कार्ड बनाकर करोड़ों कमाए

दो नर्सों ने फर्जी कोविड वैक्सीन कार्ड बनाकर करोड़ों कमाए

दो नर्सों ने राज्य डेटाबेस में गलत तरीके से टीकाकरण विवरण दर्ज करके 1.5 मिलियन डॉलर या लगभग 11.20 मिलियन रूपये कमाए

इस समय दुनिया भर के देश कोरोना के संक्रमण  से जूझ रहे है। बीते दो सालों से हर देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ देने वाले इस महामारी के नए वेरिएंट ने बीते साल के अंत से ही आतंक मचा रखा था। ऐसे में हर देश अपने नागरिकों की सलामती के लिए वैक्सीन की व्यवस्था कर रही है। साथ ही अस्पताल भी दिन रात टीकाकरण की प्रक्रिया में लगे हुए। हालांकि इन बड़े काम के बीच कभी कभार कुछ अनैतिक काम की जानकारी भी सामने आती है। एक बार फिर ऐसी ही कोई जानकारी सामने आई है पर इस बार ये खबर न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड से आई है, जहाँ की दो नर्सों ने राज्य डेटाबेस में गलत तरीके से टीकाकरण विवरण दर्ज करके 1.5 मिलियन डॉलर या लगभग 11.20 मिलियन रूपये कमाए।
जानकारी के अनुसार दोनों नर्सों ने न्यूयॉर्क स्टेट इम्यूनाइजेशन इंफॉर्मेशन सिस्टम डेटाबेस में झूठे रिकॉर्ड दर्ज करके नवंबर 2021 और जनवरी 2022 के बीच कई नकली टीकाकरण कार्ड बनाए। इसके लिए उन्होंने वयस्कों से प्रति कार्ड 220 डॉलर या लगभग 16,439 रुपये और बच्चों से 85 डॉलर या लगभग 6,352 रुपये शुल्क भी वसूला। सफ़ोक काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ने एक शिकायत के आधार पर शुक्रवार को वाइल्ड चाइल्ड पीडियाट्रिक हेल्थकेयर की मालिक 49 वर्षीय जूली डेवोनो और उसकी 44 वर्षीय सहयोगी मारिसा उर्रा को गिरफ्तार किया।
आपको बता दें कि अभियोजकों ने कहा कि दो नर्सों ने रिकॉर्ड में एक से अधिक बार दिखाया था कि उन्होंने गुप्त जासूसों को टीका लगाया था, जबकि वास्तव में किसी को भी टीका नहीं लगाया गया था। डेटाबेस में दो नर्सों की गलत प्रविष्टि ने राज्य के लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर दिया और कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों को धीमा कर दिया। अधिकारियों ने नर्स के घर की तलाशी ली, जहाँ से उन्होंने 9 लाख डॉलर या करीब 6.7 करोड़ रुपये नकद जब्त किया।