भारत ने आफत को अवसर में बदला; इतिहास में पहली बार वार्षिक निर्यात 400 अरब डॉलर के पार

भारत ने आफत को अवसर में बदला; इतिहास में पहली बार वार्षिक निर्यात 400 अरब डॉलर के पार

समय सीमा से 9 दिन पहले ही हासिल कर लिया यह लक्ष्य

कोरोना काल के संकट के बाद रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने दुनिया भर की स्थिति को गंभीर बना दिया है। दुनिया भर की सरकारें अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने में लगी हुई है। इस बीच मोदी सरकार ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत ने पहली बार 400 अरब डॉलर के माल निर्यात का लक्ष्य हासिल किया है।
इस बारे में खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने जानकारी देते हुए ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में नरेंद्र मोदी ने लिखा, " भारत ने पहली बार 400 अरब डॉलर के माल निर्यात का लक्ष्य हासिल किया है। मैं इस सफलता के लिए अपने किसानों, बुनकरों, एमएसएमई, निर्माताओं, निर्यातकों को बधाई देता हूं। यह हमारी आत्मनिर्भर भारत यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।"
वहीं फिओ यानी भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ के महानिदेशक अजय सहाय ने इसे देश के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि बताते हुए कहा कि निर्यातकों ने तमाम लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद एक साल में ही निर्यात में 110 अरब डॉलर की वृद्धि कर ली है।
जानकारी के अनुसार सरकार ने अपने तय समय सीमा से 9 दिन पहले ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया। आंकड़ों के मुताबिक भारत ने हर दिन औसतन एक अरब डॉलर का माल निर्यात किया यानी हर दिन करीब 46 मिलियन डॉलर का माल दूसरे देशों को भेजा गया। अगर महीने की बात करें तो यह औसतन 33 अरब डॉलर प्रति माह बैठता है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा इस महीने की शुरुआत में जारी फरवरी के आंकड़ों के अनुसार, पेट्रोलियम निर्यात में 88.14% की वृद्धि के अलावा, फरवरी में आउटबाउंड शिपमेंट का नेतृत्व इलेक्ट्रॉनिक सामान, इंजीनियरिंग सामान, सूती धागे और रसायनों के मजबूत प्रदर्शन के कारण हुआ। जो क्रमशः 34.54%, 32.04%, 33.01%, 25.38% और 18.02% की वृद्धि हुई।
हालांकि निर्यात में वृद्धि के बाद भी रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण कच्चे तेल और अन्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने व्यापार जगत की चिंता बढ़ा दी है। देश को एक विनिर्माण केंद्र में बदलने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण उपस्थिति बनाने के लिए कई पहलों के बीच, सरकार ऑटोमोबाइल और ऑटो घटकों, कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं लेकर आई है।