कोरोना की मार से चौपट हुये टूर्स एन्ड ट्रैवल्स उद्योग को मिली राहत

कोरोना की मार से चौपट हुये टूर्स एन्ड ट्रैवल्स उद्योग को मिली राहत

कोरोना के चलते नहीं इस्तेमाल हो रही 95% बसें, मुख्यमंत्री ने दी इन टैक्स से मुक्ति

कोरोना के कारण सभी व्यापार उद्योग चौपट हो गए हैं। लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं और कई लोगों ने दूसरे व्यापार धंधे में निवेश करना शुरू कर दिया है। इसी तरह से टूर्स एंड ट्रैवल्स का उद्योग भी बड़े मुसीबत से दौर गुजर गुजर रहा है। इस परिस्थिति को समझते हुए सरकार ने टूर्स एंड ट्रैवल्स उद्योग की मदद के लिए 3 महीने तक का टैक्स माफ करने का फैसला किया है। इससे टूर्स एन्ड ट्रैवल्स उद्योग को राहत मिलेगी। कोरोना की पहली लहर में ही यह उद्योग खराब दौर से गुजर रहा था, जबकि दूसरी लहर में फिर से व्यापार चौपट हो जाने के कारण सौराष्ट्र में चलने वाली लगभग 500 से 600 बसों में थे 95% बसें नो युज घोषित कर दी गई थी। सिर्फ 5% से 6% बसें चल रही थी।
राजकोट डेली सर्विस बस एसोसिएशन के प्रमुख दशरथ सिंह ने सरकार से तीन मांगे की थी। जिसमें कि उन्होनें बताया कि टूर्स एंड ट्रैवल्स उद्योग की हालत पतली हो गई है, लोग बेरोजगार हो गए है। इसलिए नो यूज बस के लिए 100 रूपए का टोकन लिया जाए। टैक्स माफ किया जाए तथा आरटीओ टैक्स से भी छूट देने की मांग की थी। इस सिलसिले में शुक्रवार को मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के साथ मीटिंग भी हुई थी। जिसमें की ट्रैवल्स संचालक में टोल टैक्स, आरटीओ टैक्स तथा कॉरपोरेशन टैक्स माफ करने की मांग की थी। इनमें से नो यूज और रास्ते पर दौड़ने वाली तमाम निजी बसों को 3 महीने टैक्स माफ किया गया है। इस तरह से सरकार ने 3 मांग में से एक मांग स्वीकार कर ट्रैवल्स संचालकों को कुछ राहत दी है। आने वाले दिनों में सरकार अन्य दो मांगे भी स्वीकार कर लेगी ऐसी ट्रैवल्स संचालको ने आशा व्यक्त की है।