पैर में घुंघरू बांधकर बारिश को रिजाने की आदिवासी प्रजा की यह परंपरा है अनोखी

पैर में घुंघरू बांधकर बारिश को रिजाने की आदिवासी प्रजा की यह परंपरा है अनोखी

गुजरात के कई समाज आज भी खेती कर के अपना जीवन यापन करते है। हालांकि अभी भी अधिकतर किसान बारिश पर ही निर्भर है। भारत में अभी भी सिंचाई की सुविधा का इतना विकास नहीं हुआ है। जिसके चलते अभी भी बारिश ना आने पर किसानों की फसल खराब हो जाती है। गुजरात के वांसदा तहसील के वांगण के आदिवासी समाज द्वारा बारिश के लिए मेघराज को खुश करने के लिए नारणदेव की पुजा करते है। उनकी पुजा करने से बारिश अच्छी होती है ऐसी मान्यता है। यह सभी अपने बाप-दादा के जमाने से ही इस प्रथा को शुरू रखे आ रहे है। 
इस इलाके में 90 प्रतिशत तक आदिवासी समाज के लोग रहते है, जिनकी मान्यता है कि बारिश ना आने पर नारणदेव कि पुजा करनी चाहिए। वांगण गाँव के लोग एक साथ चंदा इकट्ठा कर के अपने भगवान की पुजा करते है। इस पुजा में पुरुष पैरों में घुंघरू बांधकर नाचते है। रात के समय शुरू होने वाली यह पुजा 24 घंटे तक चलती है। आज भी गाँव वालों ने यह प्रथा जारी रखी है। 
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