आम और खास में ये है फर्क; लोगों को स्लॉट नहीं मिल रहे, नेताजी के घर जाकर लगाई गई वैक्सीन!

आम और खास में ये है फर्क; लोगों को स्लॉट नहीं मिल रहे, नेताजी के घर जाकर लगाई गई वैक्सीन!

एक तरफ वैक्सीनेशन सेंटर पर नहीं मिल रहा वैक्सीन, वहीं बीजेपी के नेता दिखा रहे वीआईपी कल्चर

एक तरह कोरोना महामारी के बीच टीकाकरण केंद्रों पर टीकाकरण कराने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। कई केंद्रों पर टीकों का स्टॉक कम होने से टीके नहीं पहुंच रहे हैं। कई जगहों पर टीकों की कमी के चलते घंटों इंतजार के बाद भी लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है वहीं मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक बीजेपी सांसद ने अपने कार्यालय में विशेष टीम बुलाकर हर कर्मचारी का टीकाकरण करवाया। स्टाफ द्वारा टीकाकरण की तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड करने के बाद से विवाद खड़ा हो गया है। विवाद इस वजह से भी है कि जहां आम नागरिकों का टीकाकरण नहीं हो रहा है, वहीं सांसद ने वीआईपी कल्चर का प्रदर्शन किया है।
आपको बता दें कि उज्जैन जिले में 18 से 44 वर्ष की आयु के लोग टीकाकरण को लेकर चिंतित हैं, जबकि 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक नहीं मिल रही है। उज्जैन अलॉट के सांसद अनिल फिरोजिया ने अपने सेठी नगर कार्यालय में अपने स्टाफ का टीकाकरण किया। भाजपा सांसद कार्यालय में करीब 14 लोगों को टीका लगाया गया। जिसकी तस्वीरें खुद स्टाफ ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दी है। ये तस्वीरें वायरल होते ही विवाद खड़ा हो गया। जहां भाजपा सांसद की वीआईपी संस्कृति के लिए युवा उनकी आलोचना कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को उठाया है।
स्वास्थ्य विभाग की एक टीम दो बार सांसद अनिल फिरोजिया के कार्यालय पहुंची और दोनों बार उनके स्टाफ और समर्थकों को टीका लगाया गया। इस मामले में जब मीडिया ने सांसद अनिल फिरोजिया से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। कोविड मंत्री प्रभारी डॉ. उन्होंने मोहन यादव से बात करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है।
इस पूरे मामले का जिम्मेदार अधिकारी भी कुछ कहने को तैयार नहीं है। तो कांग्रेस नेताओं ने व्यंग्य करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है जहां आम नागरिकों को कोरोना वैक्सीन स्लॉट मिलने में परेशानी हो रही है। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि सांसद अनिल फिरोजिया आम नागरिकों को उनके अधिकारों से वंचित कर रहे हैं।