इसे कहते हैं कोरोना को हराना, ऑक्सीजन स्तर 60 तक पहुंचा फिर भी बिना वेंटिलेटर जीती जंग

इसे कहते हैं कोरोना को हराना, ऑक्सीजन स्तर 60 तक पहुंचा फिर भी बिना वेंटिलेटर जीती जंग

कोरोना के कारण ही हुई थी माता की मौत, ऑक्सीज़न लेवल कम होने के बाद भी हालत रही थी स्थिर

देश भर में कोरोना के कारण कई लोग संक्रमित हो रहे है। दूसरी लहर के केसों के कम होने के बावजूद भी अभी भी हर दिन कई नए केस सामने आ रहे है। ऐसे में सूरत से एक ऐसा केस आया है जो अपने आप में एक मिसाल है। जहां युवक बिना वेंटीलेटर के कोरोना के गंभीर परिस्थिति में से रिकवर होकर वापिस अपने घर पहुंचा था। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, भरूच निवासी इरशाद शेख जो कि तेल का कारोबार करते है। जिस समय इरशाद अस्पताल में कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ रहा था, उसी समय इरशाद के माता कि भी कोरोना के कारण ही 55 साल की उम्र में मौत हो गई। बात करे इरशाद की तो 3 मई को जब उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उन्होंने भरूच के एक स्थानीय अस्पताल में इलाज शुरू करवाया। इस समय उनकी मां रुकसाना और पिता इम्तियाज भी कोरोना से संक्रमित थे, लेकिन उनके पिता घरेलू इलाज से ठीक हो गए।
इरशाद के छोटे भाई इशराज ने कहा, 'जब हमें पता चला कि हमारे परिवार के तीन सदस्य कोरोना से संक्रमित हैं तो हम चौंक गए। मेरे भाई और मां की हालत गंभीर थी और इलाज के दौरान मेरी मां की मौत हो गई। सूरत के लोखत अस्पताल के डॉक्टर भाविक देसाई ने कहा कि भरूच में उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ, इसलिए उन्हें यहां शिफ्ट कर दिया गया था। जहां सीटी स्कैन से पता चला भाई की हालत सच में काफी खराब थी। एक समय था जब इरशाद का ऑक्सीजन लेवल 60 था, लेकिन उनकी हालत स्थिर थी और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत नहीं थी। 
देसाई ने कहा, "हमने उन्हें दस दिनों तक बाईपेप पर रखा और फिर उन्हें एक सप्ताह के लिए सामान्य ऑक्सीजन दी। ऐसे बहुत कम मरीज होते हैं जिन्हें 100 प्रतिशत फेफड़ों का संक्रमण हुआ हो और फिर भी वे इस तरह से ठीक हो जाये। इरशाद को प्लाज्मा थेरेपी, रेमड़ेसिविर इंजेक्शन, स्टेरॉयड और अन्य उपचार भी दिए गए। अपने भाई के ठीक होने के लिए भगवान को धन्यवाद देते हुए, इशराज ने कहा, "उसके ठीक होने के बाद भी, हम उस पर नजर रख रहे हैं, और प्रार्थना कर रहे हैं कि वह हमेशा अच्छे स्वास्थ्य में रहे।"