बिहार की यह मूकबधिर महिला है बड़ी खास, मुंह से नहीं पर अपने हुन्नर से करती है बात

बिहार की यह मूकबधिर महिला है बड़ी खास, मुंह से नहीं पर अपने हुन्नर से करती है बात

बचपन से ही बोल और सुन नहीं सकती थी विनीता, आज देश के प्रमुख शहरों में उनके पेंटिंग की है भारी डिमांड

बिहार के बक्सर की रहने वाली विनीता राय जो की ना कुछ बोल सकती है और ना ही कुछ सुन सकती है। पर उनकी बोली उनकी पेंटिंग के जरिये सभी के होश उड़ा देती है। बचपन से ही दिव्यांग विनीता अब तक कई बड़े मंच पर सम्मानित हो चुकी है। विनीता हर तरह की पेंटिंग, फोटोज, मास्क और अन्य हेंडीक्राफ्ट आइटम्स बनाती है। कारीगरी तो ऐसी की देखने वाले को विश्वास ही नहीं हो की यह हाथ से बनी है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलोर, अहमदाबाद सहित हर शहर में विनीता के पेंटिंग और मास्क की डिमांड है। 
35 साल की विनीता का जीवन काफी उतार-चढ़ाव और काफी संघर्षपूर्ण बना है। विनीता की माता ब्रिजकुमारी राय कहती है कि विनीता एक साल की थी, तब तक उन्हें कोई जानकारी ही नहीं थी की उसे क्या दिक्कत है। क्योंकि कोई भी बड़ी चीज गिरने पर भी उसे कोई असर नहीं होती थी। इसके बाद वह उसे डॉक्टर के पास ले गए। बक्सर के डॉक्टर के पास ट्रीटमेंट के बाद भी उसे कोई असर नहीं हुआ। जिसके चलते वह पटना और वहाँ से फिर दिल्ली आए। एक के बाद एक उन्होंने कई डॉक्टरों को बताया। पर कोई भी उसे ठीक नहीं कर सका। कुछ सालों बाद पता चला कि उनकी बेटी बोल या सुन नहीं सकती।  
ब्रिजकुमारी बताती है कि शुरुआत में तो विनीता अपने साथ वाले बच्चों के साथ स्कूल जाती थी। पर धीरे-धीरे लोग उसे चिढ़ाने लगे। कोई भी उसके साथ खेलता नहीं था। विनीता की पढ़ाई छुडवानी पड़ी, पर फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने कभी भी विनीता को किसी चीज की कमी नहीं होने दी। चार-पाँच साल की उम्र से ही विनीता को आर्ट में काफी रुचि थी। वह जिस किसी भी चीज को हाथ में लेती, उसे क्रिएटिव बनाने की कोशिश करती रहती। उसके आर्ट के प्रति प्यार को देखते हुये उन्होंने उसे आर्ट क्लास की ट्रेनिंग देनी शुरू की। 
उम्र के साथ विनीता की आर्ट के प्रति रुचि भी बढ़ती गई। उसे जो भी तस्वीर दिखती, वह स्केच से वैसे ही बना देती। इसके अलावा पुरानी अखबारों के कटिंग से हेंडीक्राफ्ट आइटम्स बनाना शुरू कर दिया। विभिन्न प्लेटफॉर्म पर जाकर विनीता ने अपना हुनर दिखाया। जिसके लिए उसे कई इनाम भी मिले। उम्र होने के बाद उनकी विनीता की शादी की चिंता सताने लगी। पर नसीब से उन्हें बक्सर से ही एक योग्य वर मिल गया। विनीता की शादी बक्सर के रहने वाले बलराम राय के साथ कर दी गई। पिछले साल ब्रेन ट्यूमर के कारण विनीता के पिता की मृत्यु हो गई। पिता की मृत्यु से विनीता को काफी सदमा भी लगा था।  
विनीता को दो पुत्री है, जिसमें से एक पुत्री कक्षा 6 में और एक कक्षा 4 में पढ़ाई करती है। दोनों विनीता को काफी सपोर्ट करती है। अपनी पुत्रियों के सपोर्ट के कारण ही विनीता पिता की मृत्यु के सदमे से बाहर भी आ सकी थी। विनीता की बड़ी बेटी ने विनीता की पेंटिंग्स को सोशल मीडिया पर अपलोड करना शुरू कर दिया। इसके अलावा उन्होंने एक यूट्यूब चेनल भी लॉंच की। जिस पर लोगों का काफी अच्छा रिस्पोंस मिला। लोग उसके पेंटिंग्स और मास्क की डिमांड करने लगे। अब विनीता अपने प्रोडक्ट की ऑनलाइन मार्केटिंग भी करती है और ऑनलाइन बिक्री भी करती है। 
विनीता के घर में इतनी सारी पेंटिंग्स और अन्य चीजें है, मानों कोई म्यूजियम हो। घर में एक से बढ़कर एक पेंटिंग्स और मूर्तियाँ रखी हुई है। गौतम बुद्ध, महात्मा गांधी, पीएम मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार सहित कई लोगों की पेंटिंग को विनीता ने अपने हाथों से बनाया है। इसके अलावा उसने अपने हाथों से ही स्वेटर और ड्रेस भी बनाए है। 
Tags: Bihar