भारत की इस बेटी ने किया विदेशी सरजमीं पर देश का नाम रोशन, प्रतिष्ठित ‘द डायना अवार्ड’ से होंगी सम्मानित

भारत की इस बेटी ने किया विदेशी सरजमीं पर देश का नाम रोशन, प्रतिष्ठित ‘द डायना अवार्ड’ से होंगी सम्मानित

'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रांड एंबेसडर है ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश पाने वाली भारत की पहली व्हीलचेयर यूजर गर्ल प्रतिष्ठा देवेश्वर

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक भारतीय छात्रा प्रतिष्ठा देवेश्वर ने विदेशी धरती पर देश का मान बढाया है। प्रतिष्ठा को सामाजिक कार्य और मानव जीवन में सुधार के लिए युवाओं को दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार प्रतिष्ठित ‘द डायना अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। प्रेस्टीज ने यह सम्मान विकलांगों को उनके शिक्षा और सुविधा के काम के लिए दिया है। वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश पाने वाली भारत की पहली व्हीलचेयर यूजर महिला है।
(Photo Credit : divyabhaskar.co.in)
आपको बता दें कि  2020 में दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर भी राष्ट्रीय रोल मॉडल के रूप में ख्याति प्राप्त हुई थी। पंजाब के होशियारपुर जिले से आने वाली प्रतिष्ठा 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी है। विकलांगों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए प्रतिष्ठा ने हर स्तर पर अपनी आवाज बुलंद की है। वह कई देशों सहित संयुक्त राष्ट्र के कई कार्यक्रमों में शामिल हैं। महज 12 साल की उम्र में, वह रीढ़ की हड्डी की चोट के साथ व्हीलचेयर के आश्रित हो चुकी है। तमाम मुश्किलों के बावजूद वह अपने प्रयास से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पहुंचीं। वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री कर रही हैं। भारत लौटकर वह अपने जैसे अन्य विकलांग छात्रों के जीवन में सुधार करना चाहती है।
इस बारे में प्रतिष्ठा ने कहा, " भारत की शिक्षा नीति को विकलांग लोगों की जरूरतों के अनुरूप बदलने की जरूरत है।" हमारे समाज में विकलांगों के प्रति लोगों के नजरिए को बदलने की जरूरत है। मैंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पब्लिक पॉलिसी बेस्ड कोर्स में पढ़ने का फैसला किया क्योंकि यह सबसे अच्छा था। सपने देखें और उसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करें। अगर ऐसा है तो एक दिन सारे सपने सच होंगे।
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