इन बच्चों ने अपना पिगी बैंक तोड़कर कोरोना के मरीजों के लिए दान किए 41 हजार रुपए

इन बच्चों ने अपना पिगी बैंक तोड़कर कोरोना के मरीजों के लिए दान किए 41 हजार रुपए

कोरोनाग्रस्त मरीजों का इलाज कर रहे अपने पिता को देख बच्चों ने भी मरीजों की सेवा करने के सोची

सूरत को दानवीरों की भूमि के रूप में भी जाना जाता है। वर्तमान में जब देश भर में कोरोना के केसों ने सभी का जीवन बदहाल कर रखा है। ऐसे में सभी ने अपनी तरफ से किसी न किसी तरह से जरूरतमंदो की सहायता की है। सूरतवासी हर मुश्किल परिस्थिति में लोगों के साथ रहते है। ऐसे में दो बच्चों द्वारा किए इस नेक काम ने सूरत के बच्चे भी दान करने में किसी से पीछे नहीं है। सुरत की रहने वाली मात्र छह साल की एक लड़की ने अपने जन्मदिवस पर अपने और अपने भाई के गुल्लक खोल उसमें से निकले 41,000 रुपये कोरोना पीड़ितों के लिए मदद के लिए दान कर दिये। इस रुपये से उनके पिता ने मास्क, सैनिटाइजर, ऑक्सीमीटर, गार्गल माउथ वॉश खरीद सूरत और सौराष्ट्र में दान कर अपनी बच्ची का जन्मदिवस मनाया था। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, वराछा में हीराबाग के पास हरीशनगर सोसाइटी के निवासी गौतमभाई सिरोहा मूल रूप से डॉक्टर हैं और कपड़ा व्यवसाय से भी जुड़े हैं। कोरोना की दूसरी लहर में गौतमभाई आइसोलेशन सेंटर में बतौर डॉक्टर सेवा दे रहे हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सेवा सामाजिक संगठन के तहत कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आइसोलेशन सेंटर चलाए जा रहे हैं, जिसमें गौतम भाई मरीजों के इलाज के लिए सेवा दे रहे हैं। पिता की इस तरह की सेवा देखकर उनके बच्चों को भी किसी तरह कोरोना मरीजों की सेवा करने का मन हुआ। जिसके बाद कक्षा 6 में पढ़ने वाले 11 वर्षीय आदित्य और उसकी छह वर्षीय बहन अनन्याने भी कोरोना मरीजों की मदद करने की ठान ली। पिछली 16 तारीख को अनन्या का जन्मदिवस था, तब दोनों भाई-बहनों ने पिग्गीबैंक में जमा की हुई अपनी पूरे साल की बचत  को दान करने का फैसला किया। दोनों भाइयों और बहनों को अपने गुल्लक में जमा धन को कोरोना रोगियों के इलाज के लिए इस्तेमाल करने के बारे में अपने पिता से बात करते हुए सुनकर पिता भी हैरान रह गए।
छोटी सी उम्र में ही बच्चों की बड़ी-बड़ी बातें सुनकर पिता ने दोनों बच्चों की तालियां बजाकर उन्हें कोरोना के मरीजों के लिए अपने पैसे का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया। लेकिन फिर सवाल यह था कि इतने छोटे बच्चों के गुल्लक से कितना पैसा निकलेगा और उससे कोरोना के मरीजों की सेवा किस प्रकार की जाएगी। हालांकि, फिर भी पिता ने दोनों का उत्साह कम ना करते हुये बच्चों से उनकी पिगी बैंक खुलवाई तो उसमें से 41 हजार रुपए बाहर आए। गौतमभाई ने बच्चों द्वारा दान किए गए 41,000 में से N95 मास्क, सैनिटाइज़र, गार्गल माउथवॉश और ऑक्सीमीटर खरीदे। बाद में इसे सूरत शहर के विभिन्न क्षेत्रों के आइसोलेशन सेंटरों में इलाज करवा रहे मरीजों को वितरित किया गया। सूरत शहर में 600 सेट बांटने के बाद सौराष्ट्र के गांवों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुये एक टीम बचे हुये सेट लेकर सौराष्ट्र पहुंची।
जिसमें गौतमभाई भी मरीजों की सेवा के लिए डॉक्टर बनकर गांवों में पहुंचे। जहां उन्होंने मरीजों को उनके बच्चों द्वारा उपलब्ध कराए गए एन2 मास्क, सैनिटाइजर और गार्गल माउथवॉश दिए गए। भावनगर, अमरेली, पलिताना समेत आसपास के कई गांवों में मास्क, सेनेटाइजर और गार्गल माउथवॉश का वितरण किया गया।
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