एलआईसी के आईपीओ के लिए ग्रे मार्केट से नहीं मिल रहे सकारात्मक संकेत

एलआईसी के आईपीओ के लिए ग्रे मार्केट से नहीं मिल रहे सकारात्मक संकेत

एक समय एलआईसी शेयर पर प्रीमियम 95 रुपये तक पहुंच गया था वहीं अब 25 रुपये डिस्का उंट पर चल रहा है

इस समय शेयर बाजार की हालत खस्ता नजर आ रही हैं। खास कर भारतीय निवेशकों के लिए, पहले पेटीएम और अब बड़े धूम धड़ाके से लॉन्चे हुए एलआईसी आईपीओ से निवेशकों को निराशा ही मिल रही है। एलआईसी की लिस्टिंग 17 मई को होने की उम्मीटद के बीच शेयर बाजार में हो रहे लगातार गिरावट और ग्रे मार्केट में एलआईसी शेयरों की कीमतों में आई भारी कमी से अब इसके लिस्टिंग गेन्सक पर सवालिया निशान लग गया है। ऐसे में अगर ग्रे मार्केट में शेयर के प्राइस को संकेत माना जाए तो 17 मई को बीएसई और एनएसई में इसकी लिस्टिंग कमजोर रह सकती है।
मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, एलआईसी के शेयर गुरुवार को ग्रे मार्केट में 25 रुपये डिस्काटउंट चल रहा है। 4 मई को एलआईसी के लॉन्चक होने के बाद से ही ग्रे मार्केट में इस शेयर  की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव हो रहा है। एक समय एलआईसी शेयर पर प्रीमियम 95 रुपये तक पहुंच गया था। वहीं इस बारे में बाजार के जानकारों का कहना है कि शेयर बाजार में जारी मंदी के कारण ग्रे मार्केट में एलआईसी शेयरों की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। गुरुवार को भी बीएसई सेंसेक्स 1158 अंक गिरकर बंद हुआ। यह 53,000 से नीचे आ गया है। इसका सीधा असर ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयरों की कीमत पर पड़ा है।
आपको बता दें कि अगर 25 रुपये डिस्काउंट पर एलआईसी के शेयर लिस्ट होते हैं तो भी पॉलिसीहोल्ड र्स और रिटेल निवेशकों को नुकसान नहीं होगा क्योंकि एलआईसी आईपीओ में पॉलिसीहोल्डउर्स और रिटेल इनवेस्टिर्स को शेयर डिस्काहउंट पर मिलेंगे। पॉलिसीधारकों को शेयर 60 रुपये छूट पर मिलेगा और खुदरा निवेशको को प्रति शेयर 45 रुपये डिस्कारउंट मिलेगा।हालांकि जब एलआईसी के शेयर 889 रुपये से कम भाव पर लिस्ट होंगे तब पॉलिसीहोल्डर्स को नुकसान होने लगेगा। इसी तरह रिटेल इनवेस्टर्स को नुकसान तभी होगा, जब शेयर की लिस्टिंग 904 रुपये से कम भाव पर होगी।
गौरतलब है कि एलआईसी आईपीओ में पॉलिसीहोल्डर्स का कोटा 6.12 गुना सब्सक्राइब हुआ था। एलआईसी के कर्मचारियों ने भी इस आईपीओ में जमकर बोली लगाई। यही वजह है कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्सा  4.40 गुना सब्सक्राइब हो गया। रिटेल इनवेस्टर्स का हिस्सास भी 1.99 गुना भरा है। नॉन-इंस्टीट्यूशनल कैटेगरी 2.91 सब्सक्राइब हुई है जबकि क्वालिफायड इंस्टीट्यूशनल बायर्स का कोटा 2.83 गुना है।