फिर बचेगा क्या! क्रिप्टोकरंसी पर 30% आयकर के बाद अब 28% जीएसटी लगाने पर विचार

फिर बचेगा क्या! क्रिप्टोकरंसी पर 30% आयकर के बाद अब 28% जीएसटी लगाने पर विचार

सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर 30% टैक्स की घोषणा की है

एक फरवरी को प्रस्तुत बजट में केंद्र सरकार ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर बड़ा फैसला किया। सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर 30% टैक्सक की घोषणा की है। अब सरकार द्वारा इस पर वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी लगाने की भी चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को घुड़दौड़ और लॉटरी की श्रेणी में रखा है और वर्तमान में प्राइवेट लॉटरी और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ता है। ऐसे में अगर सरकार क्रिप्टोऔकरेंसी को इस श्रेणी में रखती है तो इस पर भी 28 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ सकता है। हालांकि, जीएसटी को लेकर अभी सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं आई है।
आपको बता दें कि क्रिप्टो को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स मानकर सरकार ने बजट में क्रिप्टो को एसेट मानकर 30 फीसदी आयकर लगाया है। इसे रुपये की मान्य ता दी गई है। जानकारों का कहना है कि अगर इसे सिक्योरिटीज का दर्जा नहीं दिया जाता है तो क्रिप्टो की खरीद-बिक्री पर जीएसटी भी लगेगा। आयकर अधिनियम 1961 के तहत किसी भी स्रोत से प्राप्त आय, जिसका उल्लेख कर के दायरे की श्रेणी में नहीं किया गया है, आयकर के दायरे में है। वहीं, किसी भी सेवा की आपूर्ति पर कोई विशेष छूट नहीं दी गई है तो उस पर जीएसटी लागू होगा। चूंकि क्रिप्‍टोकरेंसी को ऐसी कोई छूट नहीं है तो यह भी जीएसटी में आ सकती है।
साथ ही जीएसटी की धारा 2(75) के अनुसार, पैसों से आशय भारतीय विधिमान्य मुद्रा या फेमा अधिनियम के तहत आने वाली विदेशी करेंसी से है।अधिकांश वर्चुअल करेंसी इस परिभाषा के दायरे में नहीं आती। इसलिए इन्हें  मनी नहीं माना जा सकता।
गौरतलब है कि भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज पहले से ही जीएसटी ट्रेडिंग शुल्क वसूलते हैं। एक्सचेंज अपने सामान्य कर भुगतान के हिस्से के रूप में सरकार को जीएसटी का भुगतान करते हैं।