कोरोना से लड़ने जिस ‘मुंबई मॉडल’ की तारीफ हो रही, उसके पीछे हैं ये अफसर!

कोरोना से लड़ने जिस ‘मुंबई मॉडल’ की तारीफ हो रही, उसके पीछे हैं ये अफसर!

पांच साल पहले केंद्र सरकार ने इन्ही इकबाल का बहुत अपमान किया था

देश भर में फैले कोरोना महामारी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए देश के राज्यों को मुंबई मॉडल का पालन करने की सलाह दी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ अपनी बातचीत में मुंबई में किए गए कार्यों की सराहना की। इस पुरे कार्यवाही के दौरान मुंबई के आयुक्त इकबाल सिंह चहल राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए हैं।
दिलचस्प बात यह है कि पांच साल पहले केंद्र में मोदी सरकार ने इन्ही इकबाल सिंह का बहुत अपमान किया था और उन्हें महाराष्ट्र कैडर में वापस भेज दिया था। चूंकि सुशील कुमार शिंदे के करीबी होने के नाते चहल को यूपीए सरकार के दौरान गृह मंत्रालय में ले जाया गया था। विशेष कर्तव्य पर एक अधिकारी के रूप में, चहल सभी केंद्र शासित प्रदेशों के प्रभारी थे।
2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद चहल को महिला और बाल विकास मंत्रालय में भेज दिया गया। आईसीडीएस के कार्यान्वयन को लेकर मेनका गांधी के साथ मतभेदों के कारण चहल को छुट्टी पर रखा गया था। उसके बाद उन्हें तीन साल के लिए वापस महाराष्ट्र भेज दिया गया था। कांग्रेस के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके दिन बदल गए।
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