वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे पर सस्टेनेबल टेक्सटाइल एवम फैशन का महत्व।

वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे पर सस्टेनेबल टेक्सटाइल एवम फैशन का महत्व।

पॉलिएस्टर कपड़े का पड़ता है पर्यावरण पर दुष्प्रभाव

100 प्रतिशत सस्टेनेबल या टिकाऊ दुनिया में कुछ भी नहीं है।सिंपलिफिकेशन ही सही कुंजी है और वस्तुओ का सही उपयोग एवम रियूज ही दर्शाता है सही मायने में सस्टेनेबिलिटी।
फैशन को और अधिक सस्टेनेबल बनाने की चुनौती के लिए पूरी व्यवस्था पर फिर से विचार करने की जरूरत है, और कार्रवाई का यह आह्वान अपने आप में नया नहीं है। फैशन में रिसर्चर्स के संघ ने तर्क दिया है कि उद्योग अभी भी उन्हीं विचारों पर चर्चा कर रहा है जो मूल रूप से 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक के प्रारंभ में रखे गए थे। 1990 के दशक के बाद से फैशन और स्थिरता प्रगति की लंबी दृष्टि और जांच करते समय, कंपीटीटिव दृष्टि से कुछ वास्तविक प्रगति हुई है। जैसा कि संघ देखता है, "अब तक, स्थायी फैशन का मिशन पूरी तरह से विफल रहा है और सभी छोटे और वृद्धिशील परिवर्तन , खपत, अपशिष्ट और निरंतर श्रम दुरुपयोग की विस्फोटक अर्थव्यवस्था से डूब गए हैं। पूरे विश्व में एक होड़ सी लगी है प्रोडक्शन एवम फैशन को अच्छे दामों पर बेचने की, पर्यावरण के पीछे बहुत कम लोग ही लगे है।
व्यापारिक दृष्टिकोण से यह सब कुछ खास नहीं लगता है पर पर्यावरण पर इसका दुष्प्रभाव साफ दिखता है, खासकर पॉलिएस्टर कपड़े का
विभिन्न प्रकार के युवा भारतीय न्यू-फैशन पायनियर्स स्थानीय और विदेशी सामग्रियों जैसे मोम, घड़ी के पुर्जे, नारियल के सामान,फूल एवम पत्तियों क्रॉस-नेशनल तकनीकों का उपयोग करके ट्रेडिशनल आर्टिस्टिक कल्पना की सीमाओं को तोड़ रहे हैं। भारतीय डिजाइन को अगले स्तर पर ले जाने के लिए प्राकृतिक डिजाइनों की रक्षा करें। 
एक उत्पादन-आधारित देश के रूप में, भारत अत्यधिक उत्पादन से सीधे प्रभावित होता है। जो केमिकल्स की अत्यधिक खपत, जल संसाधनों के प्रदूषण, जीवन स्तर की खराबी और ओवर प्रोडक्शन   की ओर जाता है। जबकि पश्चिम ने सचेत उपभोग के महत्व को महसूस किया है, भारत ने अभी तक यह स्वीकार नहीं किया है कि इसकी समृद्ध कपड़ा, आकृति और डिजाइन विरासत में स्थायी फैशन का मार्ग पर अग्रसर करने की क्षमता है।
सूरत मैन मेड फेब्रिक्स का हब माना जाता है पर यही सही मायने में सबसे कम सस्टेनेबल या कहे प्रदूषण को बढ़ावा देने वाला कपड़ा है, इसके लिए सही कदम और टेक्नीक अपनानी होगी।
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