टेक्सटाइल पर जीएसटी वृद्धि के मुद्दे पर जीएसटी काउंसिल फिर से विचार-विमर्श करेगी!

टेक्सटाइल पर जीएसटी वृद्धि के मुद्दे पर जीएसटी काउंसिल फिर से विचार-विमर्श करेगी!

टेक्सटाइल जीएसटी मुद्दे पर व्यापारी कमिश्रर से मिले

1 हजार से कम मूल्य के फेब्रिक्स, गारमेंट और मेडएप्स पर 5 फीसदी के बजाय 12 फीसदी जीसटी लेने के मुद्दे पर पेशकश करने के लिए गुजरात टेक्सटाइल सेक्टर के अग्रणी गतरोज जीएसटी कमिश्नर जे.पी. गुप्ता से मिले। उन्हें टेक्सटाइल पर जीएसटी बढ़ाने के कारण देश के 85 फीसदी से ज्यादा लोग 1 हजार से कम कीमत के व पहनते है, उन पर आर्थक बोझ बढऩे की आशंका व्यक्त की थी। टेक्स बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया तो चोरी के मामले में बढ़ोत्तरी संभावना व्यक्त की थी।
उनकी मांग है कि कोयले के दामों में वृद्धि के अलावा कोस्टिंग, कलर, केमिकल्स अन्य रो मटेरियल्स के दामों में बढ़ोत्तरी होने से प्रोसेसिंग चार्ज में 20 फीसदी वृद्धि हुई है। इअगर 5 फीसदी के बजाय 12 फीसदी जीएसटी की जाए तो अन्य सात फीसदी होगी। इसके साथ जीएसटी स्लेब बदलने का यानि चार से तीन स्लेब करने की बात कहीं जा रही है। स्लेब घटाया जाये और 12 और 18 फीसदी के स्लेब को मर्ज किया जाए तो इसका स्लेब 15 फीसदी होने की संभावना है। जिससे अभी तक 5 फीसदी केटेगरी में आने वाले 1 हजार के निचे के टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स 12 या 15 फीसदी केटेगरी में आ जाएगे। इसके अलवा प्रोसेसिंग खर्च में होने वाले वृद्धि का बोझ भी टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स पर आएगा। इससे कपड़े महंगे हो सकते है। इसका असर मध्यम और निचले वर्ग पर होगा।
अभी तक 5 फीसदी के केटेगरी में आने वाले प्रोडक्ट्स के टेक्स 12 से 15 फीसदी हो गए तो ऐसे संजोगों में टेक्स चोरी की लालच व्यापारियों में बढ़ सकती है। जिससे भी जीएसटी के दर में फेरफार नहीं करने की मांग की है। जीएसटी कमिश्नर को गतरोज मिलने गए टेक्सटाइल के अग्रणियों में अरविंद ग्रुप के कुलीन लालभाई, मस्कती कपड़ा के प्रमुख गौरांग भगत और गुजरात गारमेंट मेन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन के विजय पुरोहित मिले थे।
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