भरूच का मशहूर गोल्डन ब्रिज होगा बंद, 140 सालों से दे रहा है सेवा

भरूच का मशहूर गोल्डन ब्रिज होगा बंद, 140 सालों से दे रहा है सेवा

साल 1881 में अंग्रेज़ो द्वारा व्यापारिक उद्देश्यों से बनाया गया था ब्रिज

भरूच का ऐतिहासिक गोल्डन ब्रिज 140 साल की सेवा के बाद अब बंद होने जा रहा है। नए बने नर्मदा मैया ब्रिज के लोकार्पण के बाद 140 साल पुराने गोल्डन ब्रिज को अपनी सेवा में से मुक्ति दी जाएगी। अंग्रेजों के जमाने से यह ब्रिज मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात को जोड़ रहा है। 
7 दिसंबर 1877 को सर जॉन हॉक्स की रूपरेखा के अनुसार इस ब्रिज को बनाने की शुरुआत की गई थी। जिसके बाद 16 मई 1881 को यह ब्रिज बनकर तैयार हुआ था। इस ब्रिज को व्यापार के उद्देश्यों के लिए बनाया गया था। पुल को बनाने के दौरान बाढ़ आने के कारण ब्रिज का काम कई बार स्थगित किया गया था। जिसके बाद अंत में साल 1881 में यह ब्रिज बनकर तैयार हुआ था। कुल 3 करोड़ 7 लाख 50 हजार के खर्च के बाद ब्रिज को साल 1881 में सभी के लिए खोल दिया गया। 
140 साल के दौरान यह ब्रिज कई बाढ़ का साक्षी हुआ। इन सभी बाढ़ों ने आसपास के इलाकों में काफी विनाश किया था। हालांकि इसके बावजूद यह ब्रिज पूरी मजबूती से कहड़ा हुआ। 
अपने भव्य इतिहास के बाद सोमवार को नितिन पटेल द्वारा नर्मदा मैया ब्रिज के लोकार्पण के बाद इस ब्रिज को इसकी सेवा से मुक्त किया जाएगा। हालांकि सरकार द्वारा इस ब्रिज को नष्ट करने के स्थान पर उसे ऐतिहासिक धरोहर के तौर पर सँभालकर रखने का निर्णय लिया गया है। जिस पर लोग मॉर्निंग वॉक कर सकेगे।