अदालत ने पूछा - डेथ सर्टिफिकेट पर कोरोना क्यों नहीं लिखा जाता?

अदालत ने पूछा - डेथ सर्टिफिकेट पर कोरोना क्यों नहीं लिखा जाता?

कोरोना से मृत्यु को प्राप्त होने वाले मरीजों के डेथ सर्टिफिकेट में लिखी जाती है अन्य वजह, सरकारी वकील ने यह दिया कारण

देश भर में कोरोना के कारण कई लोगों की जान गई है। अभी भी हर दिन कोरोना के कारण लोगों की जान जा रही है। ऐसे में कोरोना से मृत्यु को प्राप्त होने वाले मरीजों के डेथ सर्टिफिकेट पर कोरोना को कारण ना बताने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किए थे। अदालत द्वारा केंद्र से सवाल पूछा गया की आखिर क्यों डेथ सर्टिफिकेट पर मृत्यु के कारण में कोरोना का उल्लेख नहीं किया जा रहा है। ऐसे में यदि भविष्य में कोरोना से मृत्यु को प्राप्त हुये लोगों के लिउए सरकार द्वारा कोई योजना लाई जाये तो इसका लाभ परिवार को कैसे मिलेगा। कोर्ट द्वारा 10 दिनों में सरकार के पास इसका जवाब मांगा गया है। 
बात ऐसी है की साल 2015 में केंद्र सरकार द्वारा एक योजना बनाई गई थी। जिसके तहत किसी आपत्तिजनक बीमारी से मौत होने पर परिवार के सदस्यों को चार लाख की सहाय की जाएगी। हालांकि यह योजना पिछले साल ही खतम हुई थी। पर सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दिया गया की इस समय के दौरान जीतने भी लोगों की कोरोना के कारण मृत्यु हुई है उन सभी को इस योजना के तहत चार-चार लाख रुपए की सहायता की जाये। आवेदक द्वारा यह मांग की गई कि इस योजना को आने वाले दो सालों के लिए और भी जारी रखा जाये और इसमें कोरोना को भी शामिल किया जाये। 
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credit : Pixabay.com)

बता दे कि सरकार ने पहले ही कोरोना को एक आपत्तिजनक बीमारी घोषित किया है। जिसके चलते कोरोना से मृत्यु को प्राप्त हुये सभी को सरकार द्वारा चार-चार लाख रुपए की सहायता की जाये। पर इसमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि व्यक्ति की मौत कोरोना से हुई है वह कैसे साबित हो। सुनवाई करने वाले जज जस्टिस एमआर शाह ने खुद ही एक डेथ सर्टिफिकेट देखते हुये कहा कि उसमें मौत की वजह कुछ और लिखी गई है। पर व्यक्ति की मौत कोरोना के कारण हुई थी। जबकि डेथ सर्टिफिकेट पर कुछ अन्य कारण ही दिये जा रहे है। जस्टिस एमआर शाह ने कहा की यदि सरकार द्वारा भविष्य में कोरोना से मृत व्यक्तियों के लिए कोई योजना बनाई जाये तो कैसे साबित होगा की यह व्यक्ति कोरोना से ही मरा है। कोर्ट के इस सवाल के जवाब में सरकारी वकील ने कहा की डेथ सर्टिफिकेट पर मौत का कारण आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार ही लिखा जाता है।