देश को जल्द ही मिल सकती हैं नई कोरोना वैक्सीन, जानिए क्या हैं पूरी जानकारी

देश को जल्द ही मिल सकती हैं नई कोरोना वैक्सीन, जानिए क्या हैं पूरी जानकारी

ZyCoV-D हो सकती है भारत की अगली कोविड वैक्सीन,

देश में फैले कोरोना महामारी के बीच सरकार ने वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू करवा दी हैं और बहुत सी कंपनी अभी भी वैक्सीन बनाने के लिए मेहनत कर रही हैं। ऐसे में गुजरात की कंपनी जाइडस कैडिला भी कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही है और सरकार की तरफ से अनुमति के साथ वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है। इस कंपनी की बात करें तो महज 9 महीने में गुजरात में वैक्सीन का प्लांट लगाया गया। जाइडस कैडिला के एमडी डॉ शरविल पटेल ने बताया कि कंपनी की तरफ से तैयार हो रही ZyCoV-D इमरजेंसी यूज अप्रूवल के लिए जून में अरजी दी जाएगी और संभव है कि जुलाई तक इस वैक्सीन की सप्लाई शुरू कर दी जाए।
रिपोर्ट के मुताबिक जाइडस कैडिला ने ZyCoV-D वैक्सीन का फेज-3 ट्रायल पूरा कर लिया है और इसके रिजल्ट बहुत जल्द प्रकाशित हो सकते हैं। जाइडस की वैक्सीन प्लासमिड डीएनए के आधार तैयार हो रही है जिसमें SARS-CoV-2 का प्रोटीन इस्तेमाल किया गया है। जिनेवा स्थित वैक्सीन एलायंस (जीएवीआई) के अनुसार, कोरोना के खिलाफ क्लिनिकल परीक्षण में इस्तेमाल होने वाले टीकों की 4 श्रेणियां हैं: वायरस-आधारित, प्रोटीन सबयूनिट्स, वायरल वैक्टर और न्यूक्लिक एसिड (आरएनए और डीएनए)।
गवी वेबसाइट के अनुसार भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम की कोविशील्ड और स्पुतनिक वी 2 डोज की वैक्सीन है। जाइडस कैडिला की वैक्सीन डीएन पर आधारित है जबकि वाकी वैक्सीन आरएनए टेक्नोलॉजी पर। इनमें से कुछ शरीर से एंटीजन प्राप्त करने की कोशिश करते हैं, अन्य वायरल एंटीजन बनाने के लिए शरीर की अपनी कोशिकाओं का उपयोग करते हैं। इसका मतलब यह वैक्सीन शरीर में SARS-CoV-2 का एंटीजन बनता है जो उसी हिसाब से एंटीबॉडी बनाने में मदद करता है। इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर रखा जा सकता है। यह वैक्सीन तीन डोज में दी जाएगी। पहले दिन, फिर 28वें दिन और अंत में 56वें दिन।