समाज की कड़वी हकीकत : 15 साल से एक टूटी टंकी में रहने को मजबूर एक परिवार!

समाज की कड़वी हकीकत : 15 साल से एक टूटी टंकी में  रहने को मजबूर एक परिवार!

छह फीट चौड़ी और आठ फीट लंबी पानी की टूटी हुई टंकी। एक गरीब परिवार, एक-डेढ़ दशक यानि 15 साल से यहीं रहता है। सरकार के विकास के दावों को आईना दिखाने वाली यह तस्वीर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के कुठेड़ पंचायत के राय रेड गांव के जियालाल के परिवार की है। जियालाल के परिवार में जियालाल के अलावा बेटी और बेटी और पत्नी हैं।
क्या है पूरा मामला? 
जानकारी के अनुसार कुल्लू की आनी खंड की कुठेड़ पंचायत के राईं रेड गांव में रहने वाला गरीब जियालाल अपने परिवार से बिछड़ गया था, तब उसके पास सिर्फ जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा था। वह अपने सिर पर एक छत चाहता था, इसलिए जियालाल ने भूमि संरक्षण विभाग से पानी की टंकी के साथ अपना घर बनाया, जो खेत में खंडहर था। ग्रामीणों ने टैंक के ऊपर एक अस्थायी छत लगाई जिसके बाद जियालाल अपनी पत्नी रीता देवी के साथ रहने चले गए। 
इसी टंकी में पैदा हुए दोनों बच्चे
जियालाल के दोनों बच्चों का जन्म इस टंकी में ही हुआ था। इंतजार की पराकाष्ठा ये है कि जियालाल की बेटी पम्मी अब 13 साल की है और बेटा अमन 12 साल का हो चुका है। ये दोनों गांव के पास एक सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। जियालाल ने भले ही टंकी के अंदर अपना घर बना लिया हो लेकिन इस घर के अंदर न बिजली है और न ही पानी का इंतजाम।

[(Photo Credit : amarujala.com)]

इस परिवार के पास शौचालय की सुविधा भी नहीं है। दोनों बच्चों को दिन में ही होमवर्क निपटा लेना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि नेता या जनप्रतिनिधि इस परिवार की हालत के बारे में नहीं जानते। आश्वासन और वायदे देने के बाद इन्हें कोई नहीं पूछता है।
बीपीएल सूची से भी बाहर है जियालाल
गौरतलब है कि 40 वर्षीय जियालाल का कहना है कि अब इस टंकी में उनका मन नहीं लगता है और इसमें बरसात में पानी भर जाता है। उन्होंने सरकार से मदद भी मांगी है। परिवार का कहना है कि कल्याण विभाग से उन्हें घर बनाने के लिए पैसा आया था, लेकिन जानकारी के अभाव के चलते उन्हें वो पैसे नहीं मिले। सबसे बड़ी बात ये है कि जियालाल को अभी तक बीपीएल सूची में भी नहीं डाला गया है। स्थानीय वार्ड सदस्य सुरेश कुमार, पूर्व सदस्य जोगिंद्र सिंह ने भी सरकार से जियालाल के परिवार की मदद करने की मांग उठाई है। जियालाल से एक बार फिर पंचायत और प्रशासन के साथ सहयोग की अपील की गई है।