चक्रवात की चपेट में आये बार्ज को बचाया जा सकता था, कैप्टन पर उठ रही उंगली

चक्रवात की चपेट में आये बार्ज को बचाया जा सकता था, कैप्टन पर उठ रही उंगली

तूफान की सूचना के बाद भी किनारे नहीं ले जाया गया बार्ज, कप्तान खुद भी है लापता

तीन दिन पहले महाराष्ट्र और गुजरात में आए तूफान के कारण भारी खाना खराबी हुई थी। इस तूफान में ओएनजीसी के बार्ज पी-305 को भी नहीं बचा सके। इसमें बार्ज के कैप्टन बलविंदर सिंह सहित कई लोग लापता है। इस घटना की जांच में बार्ज के कैप्टन बलविंदर सिंह तथा अन्य कई लोगों के खिलाफ लापरवाही बरतने की शिकायत दर्ज की गई है।
बार्ज में से बचा लिए गए एक इंजीनियर ने बयान दिया कि तूफान के बारे में सूचना मिल गई थी इसके बाद केप्टन ने किनारे पर वापस लौट जाने के बदले 200 मीटर पीछे चले गए और तूफान को गुजर जाने का इंतजार करने लगे। इस स्टेटमेंट के आधार पर येलो गेट पुलिस स्टेशन में कैप्टन के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। हालांकि कैप्टन अरविंद बलविंदर सिंह खुद भी लापता है जिससे कि उनकी भी मौत हो गई हो ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है। पेट्रोलियम और कुदरती गैस विभाग ने सिस्टम में रहे हुई क्षतियों की जांच शुरू कर दी है। यह जांच क्रमश: प्रत्येक स्तर पर की जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।
चीफ इंजीनियर ने बार्ज को डूबने के बारे में एक टीवी चैनल से बात करते हुए बताया कि उनके दोस्त ने बार्ज में छेद होने की जानकारी दी थी। इसके बाद बार्ज के मालिकों को तुरंत ही इस बारे में सूचना देकर वेसल वापस बुला लेने को कहा गया था। लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला था। यदि उस समय भी बात मान ली जाती तो यह घटना नहीं होती। 
तूफान के समय बार्ज तूफानी लहरों के कारण प्लेटफार्म से छूट जाने के कारण हवा में हिचकोले खा रहा था। इसके बाद नौका दल की ओर से तुरंत ही उसे बचाने का प्रयास शुरू कर दिया गया था। जिस दौरान 261 कर्मचारियों में से 183 को निकाल लिया गया था। बाद में 51 के मृतदेह मिले थे और 27 अभी तक लापता हैं। बचे हुये लोगों में से 50 के स्टेटमेंट लिए जा चुके हैं। नौका दल के अधिकारियों का मानना है कि 5 दिन के बाद अब किसी को मिलने की संभावना नहीं है। इतना ही नहीं टग बोट बारप्रदा के 11 कर्मचारी लापता है। ओएनजीसी के कॉन्ट्रैक्ट पर ऐसे तीन बार्ज इस क्षेत्र में काम कर रहे थे। कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली कंपनी का कहना है कि सभी को 14 मई को ही तू्फान की सूचना देकर वापिस जाने को कहा गया था।