स्कूली लड़की के दुष्कर्म के आरोप में शिक्षक ने आधी जवानी जेल में बिताई, 11 साल बाद निर्दोष बरी

स्कूली लड़की के दुष्कर्म के आरोप में शिक्षक ने आधी जवानी जेल में बिताई, 11 साल बाद निर्दोष बरी

साल 2010 से जेल में बंद शिक्षक को कोर्ट ने दिये तात्कालिक छोडने के आदेश

मुंबई की प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाली एक लड़की ने अपने शिक्षक पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। जिसके चलते 11 साल से जेल में बंद शिक्षक को अंत में कोर्ट ने निर्दोष करार करते हुये बरी किया था। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया था की शिक्षक को कोर्ट से तात्कालिक छोड़ दिया जाए। कोर्ट ने अपने निर्णय के बारे में बताते हुये कहा की किसी को मात्र शक के आधार पर गुनहगार नहीं ठहराया जा सकता। इसके लिए ठोस सबूत भी होने चाहिए। जो इस केस में नहीं है। 
साल 2010 में पकड़ा गया था शिक्षक को, 11 साल से है जेल में बंद
आई एम गुजरात न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस साधना जाधव और एनआर बोरकर की बेंच ने 2013 में ट्रायल कोर्ट द्वारा दिये गए निर्णय को रद्द करते हुये शिक्षक को निर्दोष करार किया था। इसके पहले साल 2013 में स्थानिक कोर्ट द्वारा शिक्षक को आजीवन कैद की सजा दी गई थी। जिसके खिलाफ साल 2014 में शिक्षक ने हाईकोर्ट में इस निर्णय को चुनौती दी थी। उस समय उसकी उम्र मात्र 32 साल की थी।
शिक्षक के ऊपर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली लड़की का कहना था की जब वह वॉशरूम जा रही थी, तब एक अन्य शिक्षक की सहायता से इस शिक्षक ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। सभी के सभी सबूतों के देखने के बाद कोर्ट ने कहा था लड़की के दावे के अनुसार यह सब उसके साथ रीसेस के समय हुआ था। जबकि स्कूल के रेकॉर्ड के अनुसार, वह घटना के एक घंटे पहले ही स्कूल से निकल गया था। 
प्रिंसिपाल और अन्य स्टाफ ने दिया शिक्षक के पक्ष में बयान
इसके अलावा स्कूल के प्रिंसिपाल ने भी शिक्षक के अच्छे वर्तन का सर्टिफिकेट भी कोर्ट में पेश किया था। स्कूल के अन्य स्टाफ ने भी शिक्षक के अच्छे आचरण के बारे में बयान दिया था।  इसके अलावा बचाव पक्ष की तरफ से बयान देने वाले दो साक्षियों ने कहा की जब लड़की आरोपी को पहचान रही थी, तब एक अन्य पुरुष शिक्षक के खिलाफ भी उसने हाथ रखकर उसे कथित आरोपी बताया था। इस पर लड़की के माता-पिता ने बताया की वह ऐसा नहीं कर सकता।
कोर्ट ने इस बात को नोट करते हुए कहा की, लड़की के माता-पिता की यह दलील किसी के भी गले नहीं उतर सकती। कोर्ट ने बताया की लेब और वॉशरूम एक ही फ्लोर पर है, इसलिए ऐसा हो सकता की जिस व्यक्ति ने लड़की का मुंह दबाया था उसीने उसके साथ दुष्कर्म भी किया हो। पर बिना किसी सबूत के किसी को भी आरोपी नहीं बनाया जा सकता। 
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