सूरत : युवा एनेस्थेटिस्ट ने बेहोशी की दवा का ओवरडोज लेकर जीवनलीला समाप्त की
By Loktej
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मात्र 29 वर्ष की उम्र में डिप्रेशन के कारण खत्म की अपनी जीवनलीला
'पापा यहाँ तक आपने मेरा साथ दिया इसलिए आपका धन्यवाद' यह शब्द है सूरत की एक अनेस्थेटिस्ट डॉक्टर ने जिसने विगत दिनों आत्महत्या कर के अपनी जान दे दी। लंबे समय से डिप्रेशन का शिकार हुई महिला डॉक्टर ने बेहोशी की दवा का ओवरडोज़ लेकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी।
घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, मूल चेन्नई की डॉ. अहल्या सतीश ( 29 वर्ष ) जो की सूरत की सरकारी मेडिकल कॉलेज में अनेस्थेशिया ब्रांच में पोस्ट ग्रेज्युएट थी, अपनी पढ़ाई पूर्ण कर गुजरात गेस्ट्रो अस्पताल में ऐनेस्थेटिस्ट के तौर पर काम करती थी। गुरुवार सुबह अड़ाजन की कृति बिल्डिंग में से अहल्या की लाश मिल आई थी। जिसके चलते पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची थी।
जांच के दौरान पुलिस को एक स्युसाइड़ नोट मिली थी, जो अहल्या ने ही लिखी थी। ऐसा पुलिस का कहा था। अहल्या के घर से बरामद हुई स्युसाइड़ नोट के अनुसार, डॉक्टर पिछले चार साल से डिप्रेशन में थी। जिसमें उसके पिता और उसके कुछ मित्रों ने काफी सहायता की थी। जांच कर रहे PSI गामित ने बताया की डॉ. अहल्या ने आखिरी बार डॉ. हर्ष के साथ मेसेज के द्वारा बातचीत की थी। इसके बाद कुछ अन्य दोस्तों ने उनसे बात करने की कोशिश की, पर उनका कोई रिप्लाइ नहीं आ रहा था।
अहल्या का रिप्लाइ नहीं आने के कारण अहल्या के मित्रों ने पुलिस को कुछ संदिग्ध होने की जानकारी दी। जानकारी के अनुसार, अहल्या की अपने परिवार में किसी के साथ बनती नहीं थी। अहल्या का परिवार चेन्नई से सूरत आने के लिए निकल गए है, जिसके बाद ही लाश का पोस्ट्मॉर्टेम किया जाएगा।
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