सूरत : रूस से आने तो लगा कच्चा हीरा पर छोटे व्यापारियों की चिंता अभी भी यथावत

वर्तमान में रूस के खनन कंपनी सिर्फ 5 से 6 व्यापारियों और बड़े आर्डर को ही हीरा दे रहे है ऐसे में छोटे व्यापारियों कद लिए बाजार में बने रहना भी मुश्किल

दुनिया भर में चल रहे हीरा व्यापार में कच्चे हीरे का आयात मुख्य रूप से रूस द्वारा किया जाता है। दुनिया भर के कच्चे हीरो का 80% हिस्सा रूस से आता है। हालांकि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारण अमेरिका समेत दुनिया भर के तमाम देशों ने रूस पर तमाम प्रतिबंध दिए हैं जिसमें कच्चे हीरो का आयात भी शामिल है। रूस पर लगे इस प्रतिबंध के कारण दुनिया भर की हीरा व्यापार प्रभावित हो रहे हैं। इसमें अपने शहर में चलने वाला हीरा व्यापार भी शामिल है। हीरा व्यापार के लिए लोकप्रिय सूरत में अधिकांश कच्चा हीरा रूस की कंपनी से आता है। जो अमेरिकी प्रतिबंध के बाद आना बंद हो गया था पर पर अब रूस अन्य अन्य देशों के रास्तों से कच्चा माल भेजना वापस शुरू कर चुका है जिससे सूरत के हीरा व्यापार को थोड़ी राहत मिली है। लेकिन इसके बाद भी चिंता का कारण ये है कि रूस की कंपनियां वर्तमान परिस्थिति में बड़े आर्डर को ही पूरा कर रही हैं।
ऐसे में जब रूस द्वारा कच्चे हीरे केवल बड़े हीरा उद्योगपतियों को दिए जाते हैं, इसलिए छोटे व्यापारियों के नुकसान की सबसे अधिक संभावना है। यहां तक     कि छोटे व्यापारी भी वर्तमान में रूस से बाजार में जीवित रहने के लिए गैर-लाभकारी आधार पर व्यापार कर रहे हैं। पता चला है कि इस कारण वर्तमान में छोटे कारोबारियों को कच्चा माल 10 से 15 फीसदी अधिक कीमत पर मिल रहे है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से पहले रूसी खनन कंपनी अलरोसा शहर के 30 से अधिक साइट धारकों को देते थे पर तब से लेकर अब तक अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण रूसी खनन कंपनी अलरोसा से केवल चार से पांच व्यापारियों को ही कच्चा माल दे रहे हैं। वे इस रफ की कीमत में 15 फीसदी तक की सीधी बढ़ोतरी की पेशकश कर रहे हैं। 
नतीजतन, छोटे व्यापारियों को पहले 15 फीसदी लाभ मिलता था, वो नहीं मिल रहा है। इस स्थिति में व्यापार बंद करना पड़ता है या जो रफ ऊँचे दाम पर मिल रहा है उसे लाभ के आधार पर खरीदना और बेचना पड़ता है लेकिन छोटे व्यापारियों को बाजार में टिके रहने के लिए बड़े व्यापारियों से रफ हीरा खरीदना ही पड़ता है।
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