सूरत : शातिर ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बुजुर्ग दंपत्ति के 48 लाख के शेयर किए गायब, मामला दर्ज

सूरत : शातिर ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बुजुर्ग दंपत्ति के 48 लाख के शेयर किए गायब, मामला दर्ज

इंदौर की सफल केपिटल में खुला था जारी डिमेट अकाउंट, 48 लाख के 2000 शेयर किए गायब

सूरत शहर के अठवा लाइंस में रहने वाले बैंक ऑफ बरोड़ा के रिटायर स्पेशल असिस्टेंट की पत्नी ने 30 साल पहले एचडीएफसी लिमिटेड के 100 रूपए के 20 शेयर खरीदे थे जो कि बोनस के साथ दो हजार हो गए थे। इन शेयर को फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर किसी चीटर ने डिमैट अकाउंट खुला कर ट्रांसफर कर लिया। घटना के बारे में पीड़ित ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है। 
1991 में खरीदे थे 20 शेयर
मिली जानकारी के अनुसार अठवालाइंस के पास महिला तरण कुंड के नजदीक आंगन अपार्टमेंट में रहने वाले बैंक ऑफ बड़ौदा के रिटायर स्पेशल असिस्टेंट महेश नंदकिशोर मखारिया की पत्नी मिनाक्षी ने 1991 में एचडीएफसी लिमिटेड के आईपीओ खुलने पर 100 रूपए के 20 शेयर खरीदे थे। जब शेयर खरीदा गया था तब महेश भाई भटार की ओरोवील सोसाइटी में रहते थे और शेयर खरीद से संबंधित तमाम डॉक्यूमेंट पुराने निवास स्थान पर आते थे। इसके बाद वह दूसरी जगह चले गए। कंपनी ने 2002 में बोनस के तौर पर मीनाक्षी बैंक को 200 शेयर दिए थे। इसके बाद अगस्त 2010 में कंपनी ने शेयर का विभाजन किया जिसमें कि 2000 शेयर मिनाक्षी बेन को सितंबर 2010 में डिलीवर किए थे लेकिन शेयर सर्टिफिकेट नहीं मिलने के कारण मीनाक्षी बहन ने अप्रैल 2018 में कंपनी में अर्जी की थी। इस पर कंपनी ने अक्टूबर 2013 में शेयर सर्टिफिकेट डीमेट होने की जानकारी दी। 
मिनाक्षी बेन ने सेबी में की थी शिकायत
कंपनी द्वारा यह जानकारी मिलने पर मिनाक्षी चौंक उठी थी और उन्होंने सेबी में ऑनलाइन शिकायत की थी। इस पर कंपनी ने बताया कि इंदौर की ब्रोकरेज कंपनी सफल कैपिटल इंडिया लिमिटेड में महेश भाई के और मीनाक्षी के पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और अन्य व्यक्ति का फोटो देखकर अकाउंट खोले गए थे। इसके अलावा अप्रेल 2010 में सूरत का पता बदल कर नया पता अपडेट करने की रिक्वेस्ट कंपनी को मिली थी। इसके बाद इस वृद्ध दंपति ने इंदौर में सफल कैपिटल की ऑफिस और एचडीएफसी बैंक के मेन ऑफिस में तथा सर्टि. में बताए पते पर जांच की थी। लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिलने पर परेशान दंपत्ति ने खटोदरा पुलिस स्टेशन में 48 लाख रुपए के दो हजार शेयर ट्रान्सफर कर लिए जाने की शिकायत दर्ज करवाई है।
सेल्फ अटेस्ट करने की प्रक्रिया पर सवाल
सेबी में ऑनलाइन शिकायत के आधार पर सितंबर 2019 में एचडीएफसी लिमिटेड द्वारा डिमेट की प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसमें की पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और एक्सिस बैंक में शेयर होल्डर की सही का वेरिफिकेशन किया गया था। उल्लेखनीय है कि सेबी ने सेल्फ अटेस्टेड केवाईसी का नियम 2014 में लागू किया था जबकि एक्सिस बैंक ने 2013 में ही सेल्फ अटेस्टेड केवाईसी मान लिया था। इसे लेकर कंपनी की सेल्फ अटेस्ट करने की प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं। 
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