सूरत : शहरी विकास मंत्री ने शेल्टर होम का दौरा कर व्यवस्थाओं की जानकारी ली

शहर में बने शेल्टर की व्यवस्था की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था पूरे राज्य में स्थापित की जानी चाहिए

गोराट क्षेत्र में 1100 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है
सूरत शहर के फुटपाथ पर एक भी भिखारी न सोये इसके लिए पालिका द्वारा  व्यवस्था की गई है। तकरीबन 1,100 से अधिक भिखारियों और  घर के बिना अकेले फुटपाथ पर सोने वालों के लिए धीरे-धीरे व्यवस्था की जा रही है। अब तक 700 से ज्यादा भिखारियों को रेन शेल्टर में ठहराया जा चुका है। गोराट और स्मीमेर अस्पताल के बगल में भिखारियों के लिए सेंटर हाउस बनाया गया है।
चूंकि सूरत एक औद्योगिक शहर है, इसलिए अन्य राज्यों से भी कई लोग यहां आते हैं। निगम द्वारा प्राप्त विवरण के अनुसार, अन्य राज्यों के कुछ भिखारी भी यहां रहते हैं। उन्हें भी उचित व्यवस्था करने के लिए निगम द्वारा आश्रय गृह में रखा जा रहा है। उनके सोने के साथ-साथ छोटे बच्चों के लिए भोजन और नाश्ते की भी उचित व्यवस्था की गई है।
वीनू मोरडिया ने कहा कि सूरत में बना घर पूरे राज्य के लिए एक मॉडल है। पूरे राज्य में इसी तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए। शहर में एक भी व्यक्ति को फुटपाथ पर सोने या भीख मांगते नहीं देखा जाना चाहिए। जब मैं यहां गया तो पाया कि दूसरे राज्यों के लोग भी यहां शरण ले रहे हैं, उनमें से एक अपने परिवार के साथ यहां एक आश्रय गृह में रहता है। उनके स्कूल की फीस भी एनजीओ द्वारा भुगतान की जा रही है क्योंकि बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं। कई वर्षों से फुटपाथ पर रह रहे लोगों के लिए यह सुविधा बहुत स्वागत योग्य है।
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