सूरत : निजी स्कूल संचालकों का अल्टीमेटम, दो दिन में सरकार अनुमति नहीं दी तो भी गुरुवार से स्कूल शुरू कर देंगे

सूरत : निजी स्कूल संचालकों का अल्टीमेटम, दो दिन में सरकार अनुमति नहीं दी तो भी गुरुवार से स्कूल शुरू कर देंगे

निजी स्कूल के संचालकों ने कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों को शुरू करने के लिए पेशकश कर दी धमकी

कोरोना संक्रमण के कारण  लंबे समय से बंद स्कूलों को फिर से खोलने की मांग स्कूल संचालकों ने की है। स्वनिर्भर स्कूल-प्रशासकों ने  कोरोना की दूसरी लहर खत्म होते ही स्कूलों को फिर से खोल दिये जाने की मांग की जा रही है। स्कूल-प्रशासकों ने कहा कि सरकार तीसरी लहर का इंतजार करने की मानसिकता को गलत रख रही है। डेढ़ साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी निजी स्कूल संचालकों को शैक्षणिक कार्य शुरू नहीं होने से परेशानी हो रही है। सब कुछ खुला है। कक्षाओं को अनुमति मिल गई है तो स्कूलों को अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए। ऐसे सवाल डीईओ  से करने के बाद स्कूल प्रशासकों ने कहा कि अगर दो दिनों में अनुमति नहीं दी जाती है, तो गुरुवार से अभिभावकों एवं छात्रों की मंजूरी से स्कूल शुरू कर देंगे और गांधी मार्ग से आंदोलन करेंगे। 
स्कूल-प्रशासकों ने कहा कि सरकार ने धीरे-धीरे अधिकांश क्षेत्रों को अनलॉक कर दिया है क्योंकि कोरोना संक्रमण धीमा हो गया है। सरकार ने अंतिम चरण में स्विमिंग पूल, सरकारी स्कूल, यहां तक ​​​​कि थिएटर खोलने की मंजूरी दे दी है। तो सरकार निजी स्कूल शुरू करने से क्यों हिचकिचाती है। निजी स्कूल संचालकों का मानना ​​है कि सरकार जिस तरह के दिशा-निर्देश देती है, हम उसका पालन करने के लिए बाध्य हैं। हम भी सभी नीति-नियमों को ध्यान में रखते हुए स्कूल शुरू करने के लिए तैयार हैं।
कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों को स्कूल कैसे शुरू किया जाए, इस बारे में त्वरित निर्णय लेने की आवश्यकता है। छात्रों के लिए ऑफ़लाइन शिक्षा भी आवश्यक है, क्योंकि इंटरनेट सहित कई ग्रामीण स्कूल बिना सुविधाओं के हैं। इसके कारण वहां भी बच्चों को उचित शिक्षा नहीं मिल पाती है। जब कोरोना में संक्रमण न के बराबर हो तो सरकार को इस दिशा में शीघ्र निर्णय लेना चाहिए।
स्वनिर्भर शाला संचालक महामंडल के अध्यक्ष दीपक राज्यगुरु ने कहा, "हम सभी नियमों और विनियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं।" हम बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित हैं, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए बच्चों के लिए कोई खतरा नहीं है। लगता है सरकार तीसरी लहर का इंतजार कर रही है। इस तरह की मानसिकता यदि सरकार रखती है तो गलत है।  क्योंकि इसका शैक्षिक कार्य पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए  भी जो नीति नियम होंगे  जरूर लागू करेंगे। अगर सरकार ने हमारा समर्थन नहीं किया तो हम आंदोलन करेंगे।"
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