सूरत : शादी के मौके पर युगल की अनूठी पहल, निमंत्रण पत्रिका में स्वतंत्रता सेनानियों के फोटो लगाए

सूरत : शादी के मौके पर युगल की अनूठी पहल, निमंत्रण पत्रिका में स्वतंत्रता सेनानियों के फोटो लगाए

फिलहाल 24 नवंबर से 15 दिसंबर तक चल रहे शादियों के सीजन में पूरे गुजरात में खूब शादियों की तैयारी की जा रही है। 24 नवंबर के बाद मुहूर्त शुरू होने के बाद हर तरफ शादी की चर्चा जोरों पर है। इस बीच शादियों के सीजन और मुहूर्त के बीच मेहमानों और रिश्तेदारों के लिए अनोखी कंकोत्री (निमंत्रण पत्रिका) बनाने का चलन बढ़ गया है। सूरत में एक वेडिंग प्लानिंग में पत्रिका पर ही एक अनोखी देशभक्ति देखने को मिली है। पत्रिका में स्वतंत्रता सेनानी का फोटो और नाम छापा है। फिर इस पत्रिका में आजादी के निर्माता की छवि के साथ देशप्रेम की झलक देखने को मिल रही है।

पत्रिका पर स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें


हिंदू शास्त्रों के अनुसार, जब विवाह की योजना बनाई जाती है और विवाह कंकोत्री को पहली बार छापा जाता है, तो कंकोत्री पर सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लिखा जाता है, उसके बाद किसी के कुल के देवताओं का। फिर पूरे कंकोत्री पर अगले कार्यक्रम का जिक्र होता है। लेकिन सूरत के एक परिवार ने शादी में देशभक्ति का जज्बा दिखाया है. शादी की रस्म प्रकाशित हो चुकी है।. लेकिन इस कंकोत्री में किसी भी स्थान पर किसी देवता का उल्लेख नहीं है। उन्होंने देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और फोटो छापकर देशभक्ति का अनूठा संदेश फैलाया है।

पत्रिका में लगा स्वतंत्रता सेनानियों का फोटो


सालों से सूरत में कलाम लाइब्रेरी चला रहे गुजरात कलाम सेंटर के अवर सचिव करण चावड़ा ने शादी के मौके पर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने की अनूठी कोशिश की है। आमतौर पर लग्न कांकोत्री में पहले पन्ने पर भगवान की तस्वीर दिखती है। हालांकि, करण चावड़ा और शिवांगी की 8 दिसंबर को होने वाली शादी समारोह के लिए पत्रिका में सरदार वल्लभ भाई पटेल, शहीद भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस की तस्वीरें छापकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई है. 

वास्तव में ये लोग ही सच्चे भगवान हैं : करण चावड़ा


करण चावड़ा से शादी के निमंत्रण पत्र के लिए पत्रिका को अनोखे तरीके से छापने का कारण जानने पर उन्होंने कहा कि हम हमेशा भगवान की पूजा करते हैं। लेकिन अब हमारे देश को आजादी के 75 साल पूरे हो गए हैं और पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। सबसे बड़ा श्रेय हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को जाता है। उनके बलिदान को याद करने और आजादी का अमृत महोत्सव समारोह में शामिल होने का इससे बड़ा मौका दूसरा नहीं हो सकता।

अनुपम कांकोत्री बन गए


उन्होंने कहा कि आजादी के निर्माता सरदार भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस के कारण हम देशवासी आजाद वातावरण में जी रहे हैं। फिर यह सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि वे विवाह समारोह के दौरान उन्हें याद करें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने लग्न कांकोत्री में उनकी तस्वीर रखने का फैसला किया है। पत्रिका को डिजीटल रूप दिया गया है और वाट्सएप के जरिए मेहमानों तक पहुंचाया जा रहा है। उसके लिए मधुर गीत, संगीत के साथ पेशेवर डिजाइनर की मदद से कांकोत्री बनाई जा रही है।

प्री-वैडिंग का फि जुल खर्च बचाकर आदिवासी बच्चों को भोजन खिलाया


उन्होंने बताया कि उनकी ओर से प्री-वेडिंग सूट नहीं किया था। मेरे मंगेतर और मैंने धरमपुर और डांग के आदिवासी बच्चों को शादी से पहले के खर्च से खिलाने का फैसला किया। कांकोत्री प्रिंट देने से पहले डांग और धरमपुर के कई गरीब बच्चों और परिवारों को ऐसे खिलाया जैसे हमारी शादी में खाना खाने आए हों।
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