सूरत : गूगल पर फर्जी नंबरों के बहाने ठगी करने वाला जामतारा गिरोह दबोल लिया गया है, जानें मोडस ओपरेंडी

सूरत : गूगल पर फर्जी नंबरों के बहाने ठगी करने वाला जामतारा गिरोह दबोल लिया गया है, जानें मोडस ओपरेंडी

इन जालसाजों ने देश भर में 744 लोगों के पास से 1.5 करोड़ रुपये ठगे है

आये दिन ठग लोगों को ठगने के नए नये तरकीब अपनाते है। अब झारखंड के जामताड़ा से साइबर क्राइम पुलिस ने विभिन्न कूरियर कंपनियों के फर्जी कस्टमर केयर नंबर गूगल पर डालकर लोगों से ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला कि देश में 744 लोगों के पास से 1.5 करोड़ रुपये ठगे। गिरोह ने विभिन्न राज्यों के 744 लोगों को ठगा, जिनमें उत्तर प्रदेश के 106, गुजरात के 27 और राजस्थान के 18 लोग शामिल हैं। बचत खाते की 17 किट जब्त की गईं।
जानकारी से अनुसार न्यू सिटीलाइट रोड स्थित शिवलिंक अपार्टमेंट में रहने वाली 30 वर्षीय सुमन पटेल ने वेलेक्स कूरियर कंपनी के जरिए अपनी पत्नी का पैन कार्ड ऑर्डर किया था। सामने वाले ने सुमन पटेल को एक लिंक भेजा था। लिंक खुलते ही सुमन पटेल को 1।63 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए गए। इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया। साथ ही गूगल पर फर्जी तरीके से कस्टमर केयर नंबर से डाले गए मोबाइल नंबर को ब्लॉक करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विभिन्न कूरियर कंपनियों के मोबाइल नंबरों के संबंध में एक रिपोर्ट तैयार कर गूगल को भेजी गई है। कौशिक और शिल्पा के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल कर गैंग किसी को भी ठग लेता था और उनका पैसा सीधे कौशिक और शिल्पा के अकाउंट में जमा हो जाता था। पुलिस बैंक खाते को भी जब्त करेगी। साइबर क्राइम पुलिस को उस मोबाइल नंबर के आधार पर एक कॉमन मोबाइल नंबर और एक कॉमन अकाउंट नंबर मिला, जिससे सुमन लिंक था और जिस अकाउंट से रुपया ट्रांसफर किया गया था, उसकी आईडी भी मिली थी। 
जाँच में पता चला कि ये सभी मोबाइल नंबर झारखंड के जामताड़ा से संचालित होते थे और ये भी पता चला किकूरियर कंपनी के नाम से दूसरे राज्यों के लोगों को भी शिकार बनाने की जानकारी सामने आई। पुलिस ने इन सबके लिए नजीर अंसारी (जामतारा, झारखंड), आरिफ करमुलमिन्या अंसारी, हेमतकुमार संपतिराम जागेश्वर, अरविंद मंजीभाई जमोद (सूरत, मूल भावनगर), अजय भाव बाबूभाई निमावत और उनकी पत्नी शिल्पा (सूरत, मूल रूप से सुरेंद्रनगर) को गिरफ्तार किया।
जानकारी में सामने आया कि जालसाजों ने यूपी के 106, गुजरात के 27, राजस्थान के 18, महाराष्ट्र के 14, दिल्ली के 20, आंध्र प्रदेश के 2, बिहार के 4, चंडीगढ़ के 3, छत्तीसगढ़ के 4, हरियाणा के 4, मध्य प्रदेश से 2, ओडिशा से 4, पंजाब से 7, तमिलनाडु से 8 और उत्तराखंड में 5, पश्चिम बंगाल से 3, हिमाचल प्रदेश से 1, केरल से 1, कर्नाटक से 1 और अन्य 12 लोगों को ठगा है।
धोखाधड़ी में शामिल आरोपियों से पूछताछ में इसी तरह के चार और तौर-तरीकों का खुलासा हुआ, जिसमें बैंक के ग्राहक अपना नंबर ध्यान में रखकर ठगी कर रहे थे। वह वॉलेट एप्लीकेशन में कस्टमर केयर के नाम पर अपना मोबाइल नंबर भी डालता था, स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन और केबीसी के नाम पर ठगी भी करता था।