सूरत : पंड़ाल डेकोरेटर्स, क्लोथ उत्पादकों पर मर्यादित गणेशोत्सव का हुआ असर

सूरत : पंड़ाल डेकोरेटर्स, क्लोथ उत्पादकों पर मर्यादित गणेशोत्सव का हुआ असर

हजारों लोगों ने गंवाया रोजगार

देश सहित शहर में कोरोना की दूसरी लहर नियंत्रित होने पर राज्य सरकार ने जन्माष्टमी और गणेशोत्सव गाइडलाइन जारी की है। शेरी और सोसायटी में मर्यादित संख्या में हाजिरी के साथ गणेशोत्सव मनाने की सूचना और छोटी प्रतिमा तथा पंड़ाल की साइज भी 10 बाय 10 तय किए जाने से दूसरे वर्ष भी पंड़ाल डेकोरेटर्स और उसके क्लॉथ मेन्युफेक्चरर्स को पर्याप्त कारोबार नहीं मिला है। शहर में गली-महोल्ले में श्रीजी प्रतिमा की स्थापित करते है, लेकिन उनका बजट मर्यादित होता है। शहर के कई बड़े आयोजकों द्वारा सादगी से त्योहार मनाने का फैसला लिया गया है। जिसका सीधा असर डेकोरेटर्स की आय पर पड़ा है। 2020 - 2021 के लग्नसरा सिजन दोनों को कोरोना ने फेल कर दिया है। ऐसे में गणेशोत्सव को लेकर पंड़ाल क्लोथ उत्पादक आस लगाए बैठे थे, जिस पर पानी फिर गया है।
सूरत मंडप डेकोरटर्स एसोसिएशन के अश्विन अकबरी ने बताया कि डेकोरेटर्स की मुख्य आजीविका तो 350 जितने बड़े आयोजकों से होती है। छोटे मंडलों का बजट भी 10 से 15 हजार तक का हो सकता है। शहर में 250 डेकोरेटर्स के साथ 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है। जिनके रोजगार पर असर होगा।

Tags: