सूरतः नई सिविल अस्पताल की टीबीआईआर प्रयोगशाला को राष्ट्रीय स्तर पर मिली मान्यता

सूरतः नई सिविल अस्पताल की टीबीआईआर प्रयोगशाला को राष्ट्रीय स्तर पर मिली मान्यता

तीन साल के प्रयासों के बाद, यह मान्यता प्राप्त होने वाली राज्य की तीसरी प्रयोगशाला बन गई

सूरत सिविल अस्पताल में स्थित टी. बी डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी जो पूरे दक्षिण गुजरात में एकमात्र कल्चर और डीएसटी लैबोरेटरी है, जिसे तीन साल के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप लिक्विड कल्चर ड्रग सेंसिटिविटी टेस्टिंग के लिए राष्ट्रीय स्तर की मान्यता मिली है।
इस प्रयोगशाला के बारे में जानकारी देते हुए माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो.सुमैया मुल्ला ने कहा कि फेफड़े की टीबी निदान के लिए थूक और फेफड़े के अलावा अन्य टीबी निदान के लिए अतिरिक्त फुफ्फुसीय नमूने आनुवंशिक रूप से जीएनएक्सपर्ट (सीबीनाट) हैं। थूक के नमूनों की लिक्विड कल्चर, सॉलिड कल्चर और टी.बी दवा संवेदनशीलता परीक्षण यह देखने के लिए किया जाता है कि क्या टी.बी में दी गई दवाओं का असर होगा।
संदिग्ध मरीज जो नियमित दवा प्रभावी नहीं (एमडीआर-मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट) और नियमित दवा के अलावा टीबी की जो दवा वह प्रभावी नहीं ( एक्स.डी.आर. एक्सटेंसीवेली ड्रग रेजीडेंट) ऐसे तमाम मरीजों का त्वरित निदान एवं उपचार के लिए बहुत ही उपयोगी होगा। टीबीआईआर प्रयोगशाला के डॉ. विभूति पटेल ने कहा कि गुजरात में ऐसी 2 प्रयोगशालाएं ही ऐसे परीक्षण कर रही हैं। सूरत को तीसरी प्रयोगशाला के लिए मान्यता मिली है, जो सूरत शहर, समग्र दक्षिण गुजरात एवं ‌सिविल अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग, सूरत के लिए गौरव समान है।
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