सूरत : मात्र मोबाइल टॉर्च की मदद से एम्ब्युलेंस स्टाफ ने की महिला की सफल डिलिवरी

सूरत : मात्र मोबाइल टॉर्च की मदद से एम्ब्युलेंस स्टाफ ने की महिला की सफल डिलिवरी

सूरत के गोजर गाँव से किया गया था कॉल, बालक का सर आ चुका था बाहर

सूरत में किसी भी मरीज के इलाज के लिए एक से बढ़कर एक अस्पताल है। सगर्भा महिलाओं के लिए भी शहर भर की अस्पतालों में कई तरह की सुविधाएं है। हालांकि फिर भी कई बार समय की कमी या अन्य कारणों से कई महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुँच पाना नसीब नहीं हो पाता। जिसके कारण महिलाओं को घर पर ही प्रसूति करवानी पड़ती है। बिना डॉक्टरों की देखरेख में हुये इन प्रसूतियों में माँ और बच्चे दोनों की सुरक्षा का खतरा बना रहता है। हालांकि जब से राज्य सरकार द्वारा राज्य में 108 की सुविधा शुरू हुई है, महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाना आसान हो गया है। पर अभी भी कई केसों में महिला के पास अस्पताल जाने तक का समय नहीं रहता, जिसके चलते एम्ब्युलेंस में ही उनकी डिलिवरी करवानी पड़ती है। 
सूरत के गोजरा गाँव से भी के ऐसा ही किस्सा सामने आया, जब 108 एम्ब्युलेंस स्टाफ ने मात्र एक मोबाइल टॉर्च के उजाले में एक महिला की सफल डिलिवरी करवाई। गर्भवती महिला के यहाँ का कॉल आने पर जैसे ही स्टाफ वहाँ पहुंचा, तो उन्होंने पाया कि महिला के घर पर पावर नहीं था और गर्भ में से बालक का सर बाहर आ गया था। जिसके चलते महिला को अस्पताल ले जाने की जगह वहीं पर उसकी डिलिवरी करवाने का निर्णय लिया गया।  
विस्तृत जानकारी के अनुसार, बुधवार की सुबह लगभग 5 बजे आए कॉल में उन्हें गोजरा गाँव में रहने वाली एक महिला के सगर्भा होने की जानकारी दी गई थी। जानकारी मिलते ही पायलट दुर्गेश परमार के साथ अमरनाथभाई तुरंत ही वहाँ पहुंचे थे। वहाँ पहुँचने पर उन्होंने देखा की महिला के पेट में से बालक का सर बाहर आ चुका था। ऐसे में उनके पास महिला को अस्पताल ले जाने का समय नहीं था। जिसके चलते उन्होंने 108 के डॉक्टरों को फोन कर पूरी जानकारी दी थी। जिसके बाद गर्भवती महिला की वहीं पर डिलिवरी करवाने का निर्णय लिया गया। हालांकि घर में पावर नहीं था, जिसके चलते मात्र टॉर्च की मदद से ही डिलिवरी शुरू की गई, जिसके कुछ ही समय बाद महिला ने एक बेटी को जन्म दिया था। 
डिलिवरी के तुरंत बाद ही बच्ची और उसकी माँ को सिविल अस्पताल ले जाया गया। माता और पुत्री दोनों को स्वस्थ देखकर पूरे परिवार में खुशी छाई हुई है। अमरनाथ भाई ने कहा कि जब पूरा परिवार उनका ध्न्यवाद कर रहा था, तब उन्हें अपनी सेवा का आनंद होता है। बता दे कि नियमित अंतराल पर 108 एम्ब्युलेंस कि टीम को ऐसे समय में किस तरह से डिलिवरी की जाए इसके बारे में ट्रेनिंग मिलती रहती है। 
Tags: