सूरत : कोरोना संक्रमित माता की हुई सफल डिलिवरी, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

सूरत : कोरोना संक्रमित माता की हुई सफल डिलिवरी, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

सूरत के स्मीमेर अस्पताल में बनाए गए स्पेशल वोर्ड में की गई सफल डिलिवरी, माता ने डोकटरों का माना आभार

शहर में एक तरफ जहां कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, ऐसे में यदि कोई गर्भवती महिला कोरोना संक्रमण का शिकार बनती है तो काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस तकलीफ से पार पाने के लिए सूरत महानगर पालिका संचालित स्मीमेर अस्पताल में एक अलग वोर्ड की व्यवस्था की गई है। जहां 15 अप्रैल के दिन भर्ती की गई एक कोरोना संक्रमित सगर्भा महिला ने बालक को जन्म दिया गया। फिलहाल महिला और बालक दोनों स्वस्थ है। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, 15 अप्रैल के दिन जब सुजाता नाम की इस महिला को सांस लेने की तकलीफ के साथ-साथ प्रस्तुति पीड़ा हो रही थी। तब गायनेक विभाग के हेड और प्रोफेसर डॉक्टर अश्विन वाछानी की निगरानी मैं तुरंत ही अलग से बनाए गए कोविड वोर्ड में उन्हें दाखिल किया गया। जहां एक सफल सिजेरियन डिलीवरी की गई। कोरोना मार्गदर्शिका के अनुसार प्रसूता का तुरंत ही डॉक्टरों द्वारा योग्य इलाज किया गया। डॉक्टर्स की मेहनत से कोरोना संक्रमित माता और उसके बालक दोनों को जीवनदान मिला है।इस बारे में जानकारी देखते हुए डॉक्टर अश्विन वाछानी कहते हैं कि 15 अप्रैल को प्राइवेट हॉस्पिटल में से इच्छापुर के इस पांडे परिवार ने सगर्भा अस्पताल में भर्ती किया था। महिला कोरोना संक्रमित होने के कारण हमने उसे आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करके उसका इलाज शुरू किया। ऐसी परिस्थिति में मरीज के हेमरेज़ होने और कोमा में जाने के चांस ज्यादा होते हैं। इसके अलावा उसकी मृत्यु भी हो सकती है। इस पूरे ऑपरेशन में काफी भय स्थान और कोंप्लीकेशन्स थे। हालांकि सभी को पार करते हुए हमने सगर्भा का सफल सिजेरियन ऑपरेशन किया। 5 दिन के लगातार ऑब्जरवेशन के बाद अब बालक और माता दोनों स्वस्थ हैं।
सुजाता बहन ने भी सभी डॉक्टरों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 8 तारीख से ही उन्हें सर्दी और खांसी तथा बुखार की तकलीफ होने के कारण उन्होंने निजी अस्पताल में इलाज शुरू करवाया था। जहां 2 दिन के बाद उनका कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव बताया गया। इसके बाद 15 अप्रैल के दिन अचानक से उन्हें प्रसूति पीड़ा शुरू हो गई और उन्हें अपने आने वाले बालक की चिंता होने लगी। हालांकि यहां के डॉक्टरों ने सिजेरियन कर मेरे बालक को संसार में ले आए। जिसकी वजह से मैं उनकी सदा ऋणी रहूंगी। बता दें कि कोरोना महामारी की व्यस्तता के बीच बीच भी डॉ जितेश शाह, डॉ प्रियंका पटेल, डॉ ध्वनि, डॉ निधि, डॉ रोजमीन, डॉ विश्वा, डॉ त्रिपल एवं एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर भावना सोनी की टीम की मेहनत से माता कोरोना मुक्त होकर घर वापस लौटी थी। जबकि नवजात बालक का भी कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें 20 तारीख को छुट्टी दे दी गई।