सूरत : सचिन जीआईडीसी में अधिसूचित अनुपूरक कर विधेयक रद्द करने लिखित निवेदन

सूरत : सचिन जीआईडीसी में अधिसूचित  अनुपूरक कर विधेयक रद्द करने लिखित निवेदन

सरकारी गजट-2005 नियम के खिलाफ नोटीफाईड एजेेन्सी ने सप्लीमेन्ट्री बिल जारी किए

सचिन जीआईडीसी के सीईओ कार्यालय ने वेराबिल (मिलकत कर )  के साथ अलग से प्लॉट-शेड धारकों को पूरक बिल भेजे हैं। पूर्व सचिव मयूर गोलवाला ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, अधिसूचित निदेशक एवं प्रबंध निदेशक गांधीनगर को पत्र लिखकर इसे रद्द करने की मांग की है।

मुख्यमंत्री को लिखित निवेदन, अधिसूचित निदेशक को रजुआत


पत्र में कहा गया है कि, वर्ष 2022 से 2026 तक 4 साल के कर के नए ब्लॉक के शुरू होने से कुछ समय पहले ही निर्माण के लिए उद्यमियों का मूल्यांकन किया गया है, साथ ही वर्ष 2022-23 के लिए समेकित कर बिल, पूरक बिल भी जारी किए गए हैं। लगभग 650 भूखंडों, प्लोट, शेड होल्टरो को वेरा बील के अलावा अलग सप्लीमेन्ट्री बील भी दिए गए है।

नियम के खिलाफ नोटीफाईड एजेेन्सी ने सप्लीमेन्ट्री बिल जारी किए


जो गुजरात सरकार गैजेट 2005 के नियम के खिलाफ है। 1998 में जब से सचिन नोटिफाइड  स्थापित हुआ था, तबसे नोटिफाईड एजेंसी ने पुराने 4 साल के टैक्स ब्लॉक के पूरा होने के बाद ही तुरंत नए ब्लॉक वर्ष के लिए प्लॉट शेड का साइट मापन करती है और फिर प्लॉट शेड धारकों को अधिसूचित कार्यालय के माध्यम से सूचित करती है। लेकिन अब अनुपूरक बिल के साथ टैक्स बिल अलग से जारी किए जाते हैं। इस तरह आज तक कभी भी सप्लीमेन्ट्री बिल नहीं आया है। इस लिए नोटिफाईड एजेन्सी ने जारी किए सप्लीमेन्ट्री बिल को रद्द कर करने की मांग मयुर गोलवाला ने मुख्यमंत्री और जीआईडीसी विभाग गांधीनगर से की है। 
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