सूरत : रो- मटेरियल्स के दामों बढ़ोत्तरी के कारण सचिन के प्रोसेसर्से ने की जॉबवर्क में 50 पैसे तक की बढ़ोतरी

सूरत : रो- मटेरियल्स के दामों बढ़ोत्तरी के कारण सचिन के प्रोसेसर्से ने की जॉबवर्क में 50 पैसे तक की बढ़ोतरी

कलर केमिकल के दामों में औसतन 30 से 50 फीसदी की बढ़ोतरी

टेक्सटाइल उद्योग में कपड़ा व्यापारी और प्रोसेसर्से जॉबवर्क चार्ज वृद्धि को लेकर आमने-सामने आ गए है। टेक्सटाइल उद्योग में कामकाज बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर कोयला-कलर केमिकल सहित रो-मटेरियल्स के दामों में भी बढ़ोतरी से प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज को जॉवबर्क में 10 फीसदी वृद्धि करने की सूचना एसोसिएशन की ओर से दी गई है। जिसके चलते सचिन इलाके के प्रोसेसर्से ने प्रति मीटर 25 से 50 पैसे की वृद्धि की है। 
गत जून से अधिकांश डाईंग प्रोसेसिंग इकाई बंद होने के बावजूद कोयाले के दाम में वृद्धि हुई है।  पिछले दो महीनों में यह 2650 रुपये प्रति टन बढ़ा है। और अभी भी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र वखारिया ने कहा कि कलर केमिकल के दामों  में औसतन 30 से 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। तो लागत बढ़ गई है और आज प्रोसेसिंग इकाइयों को 10 से 20 लाख का नुकसान उठाना पड़ रहा है। उद्योग वर्तमान में एक भयानक वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।  कोयले के दाम 6 महीने में दोगुने होने से  40-50 लाख रुपये प्रतिमाह कोयले की खरीद का बिल होता था जो अब 1.25 करोड़ रुपये गया है तो इतने रूपये कहां से लाएं।
कच्चे माल की कीमतों में 30 से 40 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद उद्योगपतियों का निवेश दोगुना हो गया है। लेकिन उसके सामने कामकाज दोगुना नहीं है। रूपये कहां से लाएं यह एक बड़ा सवाल है और जॉब चार्ज में कीमत बढ़ाना भी समाधान नहीं है। मीटर 1 रुपये बढ़ा देने पर भी यह पोसाएगा नहीं। सोडियम हाइड्रो सल्फेट की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से उद्योगपतियों की परेशानी और बढ़ रही है। आज 160 रुपये किलो पर भी माल मिलने को तैयार नहीं है। आपूर्तिकर्ताओं ने फोन बंद कर दिया है। ऐसी स्थिति में उद्योग टिक नहीं सकते। प्रोसेसर विनोद अग्रवाल ने कहा कि सचिन क्षेत्र में 60 डाईंग इकाइयों ने प्रति मीटर  25 पैसे और प्रिंट में 50 पैसे बढ़ाने का फैसला किया है।
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