सूरत : सिविल में चूहा काटने पर युवक का रेजिडेंट डॉक्टर ने एमएलसी केस बिना इलाज करने से किया इनकार

सूरत : सिविल में चूहा काटने पर युवक का रेजिडेंट डॉक्टर ने एमएलसी केस बिना इलाज करने से किया इनकार

हंगामा मचाने पर किया गया मरीज का इलाज

सिविल अस्पताल हमेशा किसी न किसी बातों को लेकर विवादों में आती रहती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। उधना दरवाजा के युवक को चूहा काटने पर उपचार के लिए नई सिविल अस्पताल लाया गया। वहां एक डॉक्टर ने एमएलसी केस बिना उपचार करने से इनकार कर दिया, जिससे भारी हंगामा हुआ। 
न्यू सिविल में प्राप्त जानकारी के अनुसार उधना दरवाजा निवासी 23 वर्षीय चेतन किरणभाई राजपूत फाइनान्स का काम करते हैं। बुधवार की रात घर के बाहर एक चूहे ने उनके बाएं पैर में काट लिया और उन्हें इलाज के लिए नए सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। वहां केस पेपर निकालने के बाद डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन देकर छुट्टी दे दी थी। बाद में उन्हें रात में पैर में दर्द होने लगा और असहनीय दर्द के कारण सुबह उन्हें नए सिविल ट्रॉमा सेंटर में इलाज के लिए वापस लाया गया। तब चेतन ने बताया गया कि चूहे ने उसे काट लिया है।
तब वहां के एक रेजिडेंट डॉक्टर ने इस मामले में एमएलसी केस लाने को कहा। इसलिए वह असमंजस में थे कि चूहे के काटने पर भी एमएलसी करनी पड़ती है। इसको लेकर काफी हंगामा हुआ।  जब बिना एमएलसी केस के उनका इलाज नहीं हो सका तो वह ट्रॉमा सेंटर के मेडिकल ऑफिसर डॉ. आर.डी. बर्मन के पास गए। वहां के चिकित्सा अधिकारी ने उन्हें बताया कि इस मामले में एमएलसी केस की कोई जरूरत नहीं है। जिससेउन्होंने मरीज का इलाज किया और दवा लिखी और मरीज को वापस घर भेज दिया। कुछ सिविल डॉक्टर मनमानी करते नजर आ रहे हैं, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मेडिकल आफिसर डॉ. आर. डी बर्मन ने कहा कि अगर कुत्ते, बिल्ली और चूहे व्यक्ति को काट लेते है तो एमएलसी केस बनाने की जरूरत नहीं है। क्योंकि इसमें जहर जैसी कोई चीज नहीं होती, इसलिए पुलिस जांच की जरूरत नहीं है। 
Tags: