सूरत : रत्नकलाकारों ने दिवाली बोनस एवं ओवरटाइम देने की मांग के साथ कलेक्टर को दिया आवेदन

सूरत : रत्नकलाकारों ने दिवाली बोनस एवं ओवरटाइम  देने की मांग के साथ कलेक्टर को दिया आवेदन

डायमंड वर्कर्स यूनियन द्वारा आवेदन कलेक्टर कार्यालय में जमा किया गया था।

कोरोना महामारी के बाद हीरा उद्योग में तेजी का माहौल देखा जा रहा है। हीरा कारखाना लंबे समय से चल रही है। उत्पादन बहुत बड़े पैमाने पर हो रहा है। दीपावली पर्व को देखते हुए कारखानों में काम करने वाले रत्नकलाकारों  को बोनस के साथ-साथ ओवरटाइम के रुपये देने  की मांग की है। हीरा उद्योग में कामदारों को श्रम कायदा के अनुसार मिलेन वाले लाभ जैसे कि बोनस पीएफ, हक अवकाश, पगार स्लीप, इएसआई, ग्रेज्युटी, मंहगाई के अनुसार पगार बढ़ाकर भी नहीं मिलती है, जिससे  कलेक्टर को आवेदन दिया गया था।
सामाजिक सुरक्षा, सुरक्षित रोजगार भी नहीं। जिससे हीरा उद्योग में रत्नकालारों का शोषण  किया जा रहा है। कोरोना महामारी के दौरान सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के साथ ही एक सर्कुलर जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि हर कंपनी को अपने कर्मचारियों को लॉकडाउन का भुगतान करना होगा लेकिन हीरा उद्योग की ज्यादातर कंपनियों ने कर्मचारियों को लॉकडाउन का भुगतान नहीं किया। जिससे रत्नकलाकार आर्थिक संकट में फंस गए थे। इतना ही नहीं आर्थिक संकट में फंसे कई रत्नकालकारों ने आत्महत्या कर ली है। वर्तमान में हीरा उद्योग में बहुत अच्छा माहौल है। हीरा उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों को बोनस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार बोनस मिलता है, तो रत्नकलाकारों के घर में एक दीपक जले और उनके  बच्चे भी दिवाली मनाएं।
डायमंड वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष भावेश टांके ने कहा कि दिवाली के त्योहार के दौरान उद्योगपति कारीगरों को बोनस और ओवरटाइम देते हैं। लेकिन हीरा उद्योग में, श्रमिकों को बोनस या ओवरटाइम का भुगतान नहीं किया जाता है। फिर हमने अर्जी दी है, हीरा कारोबारी से मुलाकात कर मामला सुलझाया जाएगा।
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