सूरतः सिविल अस्पताल का पीएसएम विभाग कोरोना संकट को नियंत्रण में लाने में अहम भूमिका निभाई

सूरतः सिविल अस्पताल का पीएसएम विभाग कोरोना संकट को नियंत्रण में लाने में अहम भूमिका निभाई

स्वास्थ्य व्यवस्था के साये में रहकर संक्रमण को रोकने में 50 कर्मयोगियों का अहम योगदान

सूरत शहर जिले सहित नवसारी में आपात स्थिति से निपटने के लिए एक प्रमुख रणनीति तैयार की गई
पूरे देश समेत सूरत शहर ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर का डटकर सामना किया है। उच्च पदस्थ अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के दिग्गजों समेत कई डॉक्टरों के दिन-रात के सहयोगात्मक प्रयासों से कोरोना पर काबू पाने में सफलता मिली है। कई 'साइलेंट वॉरियर्स' ने कोरोना के मार्च को विफल करने में अहम भूमिका निभाई है, जिनके पर्दे के पीछे के ऑपरेशनों ने कोरोना को ठीक होने में मदद की है। इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण नई सिविल अस्पताल का पीएसएम (निवारक और सामाजिक चिकित्सा) विभाग है।
पीएसएम विभाग सूरत शहर, जिला और नवसारी जिले को संक्रमण से बाहर लाने के साथ-साथ संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक रणनीति अपनाकर संक्रमण की पहली एवं दूसरी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुझावों के साथ-साथ स्थानीय स्थिति का आंकलन करते हुए सूरत नगर निगम, जिला प्रशासन, सिविल और स्मीमेर हेल्थकेयर के साथ रीयल-टाइम डेटा विश्लेषण के आधार पर सटीक प्रतिक्रिया दी। जिससे प्रशासन को निर्णय लेने में मदद मिली।
रैपिड रिस्पांस टीम, होम क्वारंटाइन और आइसोलेशन, माइक्रो कंटेनमेंट, फील्ड सर्विलांस, टीकाकरण, ऑक्सीजन ऑडिट, विभिन्न प्रकार के दिशानिर्देश (एसओपी), डेथ ऑडिट, ट्रेनिंग, रिसर्च, हेल्थकेयर और रियल केयर सहित विभिन्न टास्कफोर्स टीमों ने अहम भूमिका निभाई। . संकाय सदस्यों और रेजिडेंट डॉक्टरों के 20 परिवार भी प्रभावित हुए। परिवार के एक सदस्य की भी मौत हो गई। हालांकि, स्वस्थ होकर ड्यूटी पर लौटने के बाद भी ये योद्धा विपरीत परिस्थितियों में भी दिन-रात काम करते रहे।
दूसरी लहर की बात करते हुए डॉ. कोसम्बिया का कहना है कि फरवरी, 2021 के दौरान एक कार्य योजना तैयार की गई थी और आने वाले सप्ताह में बेड की आवश्यकता को देखते हुए बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवा की आवश्यकता की पहचान की गई थी। इसी तरह उच्च अधिकारियों की बनी कोर कमिटि में प्रशासन की सुसज्जता एवं कोई भी गंभीर परिस्थ‌िति सर्जित होने पर  उससे निपटने के ‌लिए एक टास्क फोर्स और एक्शन पॉइंट  पहले से योजना बनाई गई थी। जो दूसरी लहर में उपयोगी साबित हुई।
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