सूरत : केदारनाथ के लिए ऑनलाइन हेलीकॉप्टर बुक करने के चक्कर में झींगा तालाब के मालिक ने गवांए 70 हजार रूपये

ठगों ने 15 लोगों को फर्जी टिकट भेजकर टिकट की कीमत के साथ साथ बीमा के लिए 37 हजार रुपये जमा करने को कहा

आज के समय साइबर अपराधी इतने सक्रीय है कि ऑनलाइन काम करते समय अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। हम आये दिन ऐसे अपराधों के बारे में सुनते रहते है। अब एक बार फिर सूरत के डुमास गांव में रहने वाले एक झींगा तालाब के मालिक को ऐसा ही बुरा अनुभव हुआ। अपने दोस्त और रिश्तेदारों के लिए केदारनाथ के लिए एक हेलीकॉप्टर की ऑनलाइन बुकिंग में झींगा तालाब के मालिक को 70 हजार का नुकसान हुआ। पुलिस में इस साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कराई कराई है। केदारनाथ के लिए हेलीकाप्टर बुकिंग करने की उम्मीद से गूगल पर सर्च करते हुए युवक को एक वेबसाइट में एक लिंक मिला। इस पर क्लिक करते ही एक व्हाट्सएप नंबर ओपन हुआ जिस पर डायरेक्ट मैसेज कर टिकट बुकिंग की बात हुई। इसके बाद ठगों ने 15 लोगों को फर्जी टिकट भेजकर टिकट की कीमत के साथ साथ बीमा के लिए 37 हजार रुपये जमा करने को कहा।

गूगल पर सर्च किय, मिली लिंक से बुक किये टिकट

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सूरत के पास डुमास गांव में आशापुरा मंदिर के पीछे वडवा पलिया में रहने वाले और कीड़िया बेट में एक झींगा तालाब के मालिक 38 वर्षीय कैनेडी जयंतीभाई पटेल 29 मई को घर पर मौजूद थे। केदारनाथ के दर्शन करने वाले गाँव के एक मित्र रसिक मोहनभाई खलासी ने उन्हें कॉलकर वहां के मौसम खराब होने और केदारनाथ जाने के लिए हेलीकॉप्टर के अलावा और कोई सुविधा नहीं होने की बात कही। इस पर कैनेडी ने उनके और उनके रिश्तेदारों के लिए 15 टिकट बुक किए। इससे कैनेडी ने गूगल सर्च कर एक वेबसाइट खोली और उसमें लिंक खोलकर एक व्हाट्सएप नंबर पर संदेश भेजा। कैनेडी ने बाद में उस नंबर पर बात करते हुए रेट लिस्ट भेजी। यह देखकर कैनेडी 15 लोगों के सिरसी से केदारनाथ वापसी टिकट की बात कर रहे थे, उस व्यक्ति ने प्रति व्यक्ति 4680 वस्तुओं की अग्रिम राशि जमा करने के लिए कहा। कैनेडी ने अपने तीन दोस्तों हार्दिक अशोकभाई पटेल, आशीष पटेल और नीरव खलासी से कुल 70,200 रुपये ट्रांसफर किए। 15 लोगों की फोटो, आधार कार्ड और भुगतान विवरण भेजते समय, व्यक्ति ने टिकट की पीडीएफ फाइल भेजकर 37 हजार बीमा के रूप में जमा करने को कहा। हालांकि, कैनेडी ने वह राशि नहीं भेजी और अपने दोस्त रसिक को टिकट की पीडीएफ फाइल भेज दिया।

टिकट निकली फर्जी, फिर हुआ ऐसा

इसके बाद जब 30 मई को रसिक व अन्य लोग टिकट की पीडीएफ फाइल लेकर हेलीकॉप्टर सेवा कार्यालय गए तो वह फर्जी निकला। जब कैनेडी ने टिकट बुक कराने वाले व्यक्ति से बात की तो उसने कहा कि अगर वह बीमा के 37 हजार रुपये जमा करता है तो टिकट कन्फर्म हो जाएगी। इस पर कैनेडी को ठगी का शक हुआ तो उन्होंने ऑनलाइन साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के बाद डुमास थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई।
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