सूरत : उकाई के उपरीक्षेत्र में इस वर्ष मात्र 40 प्रतिशत बारिश

सूरत : उकाई के उपरीक्षेत्र में इस वर्ष मात्र 40 प्रतिशत बारिश

उकाई बांध के उपरीक्षेत्र में तापी नदी के सभी गेज स्टेशन में कम बारिश हुई है, दक्षिण गुजरात में भी सितंबर महिने के दौरान अच्छी बारिश नही होती है तो सिंचाई के लिए समस्या बन सकती है।

पिछले साल  सभी गेज स्टेशन में औसतन कुल 32 इंच से अधिक बारिश हुई थी
राज्य में बारिश के अभाव से एक ओर जलसंकट की स्थिति बन रही है तो दुसरी ओर ज्यादातर डेम में बरसात के सिजन में ही जलस्तर कम होने लगा है। गुजरात की लाईफलाईन माने जाने वाला नर्मदा डेम भी वर्तमान‌ि स्थिति में 45 प्रतिशत ही जलस्तर है जिससे आगामी दिनों में जो बरसात नही हुई तो सिंचाई के लिए जलापूर्ति पर प्रतिबंध लगाने जैसा कडा निर्णय लिया जा सकता है। इस वर्ष अभी तक बरसात की कमी के कारण अकाल की स्थिति बनी है। उकाई बांध के उपरीक्षेत्र में वर्तमान वर्ष में पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत ही बारीश हुई है। जिसके कारण उकाई डेम का जलस्तर अभी भी रूल लेवल से सात फिट कम है। सितंबर महिने में अगर अच्छी बारिश नही होती है तो दक्षिण गुजरात में भी सिंचाई जलापूर्ति पर संकट बन सकता है।
उकाई बांध के उपरी क्षेत्र में तापी नदी के केचमेन्ट एरिया महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में 51 गेज स्टेशन है। पिछले साल सभी गेज स्टेशन में कुल 1632 इंच  बारिश हुई थी। जो सभी गेज स्टेशन में औसतन 32 इंच जितना होता है। इस वर्ष अभी तक सभी गेजस्टेशन में कुल 701 इंच ही बारीश हुई है। इस प्रकार से अगस्त महिने के अंतिम सप्ताह तक तापी नदी के सभी गेज स्टेशन में औसतन मात्र 14 इच ही बारिश हुई है। ऐसी परिस्थिति में अगर सितंबर महिने उकाई बांध के उपरी क्षेत्र में अगर बरसात नही होती है तो उकाई बांध का जलस्तर 335 फिट तक भी नही पहुंच पायेगा। 
इस वर्ष बरसात की सिजन में जुलाई माह के दौरान मध्यप्रदेश में अच्छी बारीश हुई थी जिसके कारण हथनुर बांध से तापी नदी में कुछ दिनों के लिए पानी का डिस्चार्ज हुआ था जिसके कारण उकाई बांध के जलस्तर में पांच फिट की वृध्दि दर्ज हुई थी। उसके बाद अगस्त महिने में बरसात नही होने से उकाई बांद के जलस्तर में कोई वृद्दि नही हुई। पिछले साल तो अगस्त महिने में ही उकाई बांध का जलस्तर रूल लेवल को क्रोस कर चुंका था। इस वर्ष अब बरसात की सिजन का केवल एक महिना मात्र शेष है। किसान भी बारिश का इंतजार करके चिंतिंत होने लगे है। आज कि स्थिति में उकाई बांध के उपरीक्षेत्र में तापी नदी के सभी 51 गेजस्टेशन में पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत ही बारिश दर्ज हुई है। आगामी एक माह में अगर तेज और मुशलाधार बारिश नही होती है तो उकाई बांध का जलस्तर रुल लेवल से भी कम दर्ज होगा। दक्षिण गुजरात में भी सिंचाई हेतू जलापूर्ति पर प्रतिबंध लगाने जैसे कडे निर्णय लिए जा सकते है। अब अच्छी बारिश ही अकाल से बचा सकती है। 
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