सूरत : खाड़ियों के कारण बार-बार आने वाली बाढ़ का अब प्रशासन ऐसा हल निकालने पर विचार कर रहा

सूरत : खाड़ियों के कारण बार-बार आने वाली बाढ़ का अब प्रशासन ऐसा हल निकालने पर विचार कर रहा

लिंबायत की मीठी खाडी सहित अन्य क्षेत्रों में जलभराव बहुत आम, अन्य क्षेत्रों में पानी की निकासी सरल, लेकिन इस क्षेत्र में जमा रहता है पानी

सूरत में बीते दिनों भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे माहौल बने रहे। शहर के विभिन्न क्षेत्र पानी में डूबे हुए थे। हालांकि इस वर्ष नाले ओवरफ्लो नहीं हुआ, लेकिन इसके बाद भी नाले का बाढ़ का पानी पांच दिनों तक कई इलाकों में बना रहा, जिससे स्थानीय लोगों को बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ा। अब इस मुद्दे पर भारी हंगामे के कारण प्रशासन की नींद खुली है। अब सूरत में से गुजरने वाली नाले की बाढ़ को रोकने के लिए नाले को जोड़ने की योजना के साथ खाका तैयार करने की योजना बनाई जा रही है।

पिछले साल की तरह इस साल भी बहुत से इलाके रहे जलमग्न

आपको बता दें कि सूरत जिले में भारी बारिश के कारण पिछले साल की तरह इस साल भी खाडी का पानी मीठी खाडी और वालक, सिया हेमाड़ सहित क्षेत्रों में प्रवेश कर गया था और पांच दिन सारे इलाके जलमग्न रहें। इस बारे में मनपा आयुक्त बंचानिधि पाणि ने कहा, लिंबायत की मीठी खाडी सहित अन्य क्षेत्रों में, सानिया हेमाड-मिठीखाड़ी के पास के क्षेत्रों में जलभराव बहुत आम है। अन्य क्षेत्रों में पानी की निकासी आसानी से हो जाती है, लेकिन इस क्षेत्र में त्वरित निस्तारण नहीं हो पा रहा है। सूरत मनपा के नए क्षेत्र में सानिया और कुम्भरिया गांव के साथ मीठी खाडी में जो पानी भरा जाता है, क्या उसे दूसरी खाडी की ओर मोड़ा जा सकता है? और क्या सन्निया हेमाड से मीठी खाडी की ओर वापसी को नहर में बदला जा सकता है? इसके लिए अब खाका तैयार किया जाएगा।

अगले साल मनपा के आपदा प्रबंधन एसोपी के लिए अभी से मैपिंग का काम शुरू 

उन्होंने आगे बताया अगले साल मनपा के आपदा प्रबंधन एसोपी के लिए अभी से मैपिंग का काम शुरू किया जाएगा। क्या शहर में खाड़ी-कैनाल को जोड़ा जा सकता है? और क्या सभी खाड़ियों को आपस में जोड़ा जा सकता है? साथ ही लो-लाइन एरिया कैसे ऊपर हो सकता है? इसके लिए खाड़ी का ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा। साथ ही, खाड़ियों के पानी को डायवर्ट करने की व्यवहार्यता (फ्लेक्सिबिलिटी) की जांच के बाद टेंडर प्रक्रिया की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर यह प्रयास सफल रहा तो सूरत में नाले में बाढ़ की समस्या खत्म हो सकती है।
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