सूरत : गन्ना उत्पादकों के लिए ऋण और ओवरड्राफ्ट पर ब्याज दरों को कम करने सहकारिता मंत्री अमित शाह को ज्ञापन

सूरत : गन्ना उत्पादकों के लिए ऋण और ओवरड्राफ्ट पर ब्याज दरों को कम करने सहकारिता मंत्री अमित शाह को ज्ञापन

किसान और सहकारिता नेता दर्शन नायक ने सहकारिता मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ईमेल के जरिए पेशकश करते हुए कहा की गन्ना मिलों तथा किसनों को कम व्याज पर ऋण और ओवरड्राफ्ट की सुविधा दे।

केंद्र सरकार से मांगी 300 करोड़ रुपये की निर्यात सब्सिडी, तोकते तूफान में सायन चीनी मिल को हुए नुकसान के लिए 15 करोड़ रुपये की मांग
गुजरात में दक्षिण गुजरात को सहकारी समितियों का केंद्र माना जाता है जो पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होने से सहकारी गतिविधियों पर विपरित असर हो रही है। साथ ही केन्द्र सरकार ने सहकारी प्रवृत्तियों पर लगाए गए आयकर के कारण एक अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ा है। जिसकी सीधी असर किसानों पर पड़ रही है। किसान और सहकारिता नेता दर्शन नायक ने देश के पहले सहकारिता मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर किसानों के हित में आयकर खत्म करने, कर्ज पर ब्याज दर कम करने और गन्ना किसानों को ओवरड्राफ्ट समेत विभिन्न मांगों को लेकर पत्र लिखा है। 
सूरत जिला पंचायत के पूर्व सदस्य एवं किसान नेता दर्शन नायक ने किसानों के सामने आ रही विभिन्न समस्याओं के समाधान सहित अन्य मुद्दों को पेश करते हुए कहा कि किसानों के हित में केंद्र सरकार द्वारा चीनी सहकारी मिलों पर लगाए गए आयकर के बोझ को समाप्त करने की, आर्थिक परिस्थिति के कारण बंद पडी व्यारा और मांडवी तहसिल की सुगर मिल को आर्थिकरूप से मदद करके उन्हे दुबारा शुरू करने की मांग की। तांकी इस क्षेत्र के आदिवासी किसानों को आर्थिक लाभ मिलने के साथ इस क्षेत्र के नागरीकों को रोजगार का अवसर भी प्राप्त होगा। दक्षिण गुजरात में बेमौसम बरसात के कारण गन्ना पेराई का काम 15 दिनों तक बंद रहा। तुकान के कारण गन्ने की कटाई समय पर नही हो पायी जिससे 1900 हेक्टर गन्ने की फसल खडी रहने से सायण सुगर मिल को अंदाजन 15 करोड से अधिक का नुकसान हुआ है। सायण सुगर मिल का आर्थिक नुकसान की सीधी असर उसके गन्ना किसानो पर होती है। गन्ना मिल और किसानों को नुकसान  से राहत देने के लिए दर्शन नायक ने गुजरात चीनी उद्योग संघ द्वारा 35 रुपये प्रति किलों के दाम करने की मांग अभी पुर्ण नही हुई। 
दक्षिण गुजरात  की 15 चीनी मिलों पर 1 लाख परिवार, 10 हजार ट्रक, ट्रेक्टर, बैल गाडी,  के मालिक और किसान एवं मजदूर श्रमिक निर्भर है। 29 दिसंबर 2020 के परिपत्र अनुसार एक्सपोर्ट होनेवाली चीनी से मिलती सबसिडी में मेट्रीक टन दो हजार घटाए गए थे जिसमें वृध्दि करने की मांग दोहरायी गयी है। वर्ष 2019-20-21 के दौरान गुजरात की गन्ना फेक्ट्र‌ियों से करीबन 200 से 220 करोड़ की चीनी  एक्सपोर्ट की सबसिडी केन्द्र सरकार के पास बकाया है जो किसानों के हित में जारी करनी चाहिए। इसके अलावा किसानों के ऋण में व्याज घटाया जाए ताक‌ि किसानों की हताशा कम हो। सुगर फैक्ट्रियों को लोन ओवरड्राफ्ट का व्याज कम करना चाहिए। 
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