सूरत : 2003 विस्फोटक पदार्थ रखने के मामले में 5 लोगों को स्थानीय कोर्ट ने किया बरी

सूरत : 2003 विस्फोटक पदार्थ रखने के मामले में 5 लोगों को स्थानीय कोर्ट ने किया बरी

सबूतों की कमी के चलते आरोपियों को किया बरी, जमीन के मालिक को धमकाने के लिए विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करने का किया गया था दावा

सूरत में साल 2003 में विस्फोटक पदार्थ रखने के जुर्म में पकड़े गए पाँच आरोपियों को स्थानीय अदालत ने बारी कर दिया। विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मार्च 2003 में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर दिया था। जिसकी सुनवाई के दौरान 11वें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सेल्वरज उर्फ सेलू पयप्पन कैवंडर, शनमुगा सुंदरम श्रीनिवसन कौंडर, रमेश हिरालाल कापड़िया, ऋषभ राजमल शाह और करणसिंह प्रतापसिंह सोलंकी को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया।
बता दे की मार्च 2003 में दर्ज हुए इस मामले में अन्य दो आरोपी संदीप और गणेश की इस दौरान मौत हो चुकी थी। जबकि एक अन्य आरोपी विजय तोरईस्वामी का जांच एजंसी अब तक पता नहीं लगा पाई थी। विस्तृत जानकारी के अनुसार, क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा साल 2003 के मार्च महीने में घोडदोड़ रोड पर आए एक अपार्टमेंट में छापा मारा था। जहां से उन्हें काफी मात्रा में विस्फोटक मिला था। 
इस बारे में बात करते हुये पुलिस उप-निरीक्षक जितेंद्र राव ने कहा कि वृंदावन पार्क के पीछे आई अजित सोसाइटी में से उन्होंने भारी मात्रा में विस्फोटक जप्त किए थे। जिसमें पुलिस को एक टाइमर बम, एक फ्यूज वायर, स्टिक बम, बिना टाइमर वाला बम, 6 इलेक्ट्रोनिक डेटोनेटर, 13 नॉन-इलेक्ट्रोनिक डेटोनेटर, आठ विस्फोटक छड़ें और एक एनेस्थेसिया बोतल बरामद कि थी। पुलिस शिकायत में दावा किया गया था कि इन विस्फोटकों का इस्तेमाल के जमीन के मालिक को धमकाने के लिए  किया जाने वाला था, जिसकी कीमत 4 करोड़ रुपए थी। उन्न ग्रामपंचायत में आए इस जमीन पर कब्जा करने के बाद मुख्य आरोपी कापड़िया अन्य सभी आरोपियों को एक एक लाख रुपए देने वाला था। 
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