सूरत : इस अत्याधुनिक गाँव के बारे में जानकर शहर को भूल जाएंगे आप

सूरत : इस अत्याधुनिक गाँव के बारे में जानकर शहर को भूल जाएंगे आप

वर्ष 2011 में गुजरात सरकार द्वारा मिला 'सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत का सर्वश्रेष्ठ वर्ष' का पुरस्कार

जब भी हम गांवों के बारे में सोचते हैं तो हमारे सामने नदी, झील, गरीब लोग, छोटे घर, पानी की कमी जैसी तस्वीरें सामने आती हैं। हालाँकि आप सही हो पर कई मामलों में आप गलत हो सकते हैं। क्योंकि आज के आधुनिक समय में शहरों के साथ-साथ गांवों का भी विकास हो रहा है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी चर्चा भारत ही नहीं देश-विदेश में भी हो रही है।
हम जिस गांव की बात कर रहे हैं वह सूरत से महज 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जिसका नाम बाबेन गांव है। गांव के लोगों को हर तरह की मूलभूत सुविधाओं के अलावा आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। 13,000 की आबादी वाले इस गांव का भविष्य वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना शुरू होने के 7 साल पहले 2007 से चमकने लगा था। गांव के सरपंच भावेशभाई के तत्वावधान में पंचायत के सभी 19 सदस्यों ने इस गांव को एक आदर्श गांव बनाने का फैसला किया। वर्ष 2011 में बाबेन गांव की ग्राम पंचायत को गुजरात सरकार द्वारा 'सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत का सर्वश्रेष्ठ वर्ष' का पुरस्कार भी दिया गया है।
(Photo : deshimoj.com)
आपको बता दें कि 13 हजार की आबादी वाले इस गांव में कुल 8500 घर हैं, जिनमें से 95 फीसदी पक्के मकान हैं। गांव में सीवरेज, पानी, स्ट्रीट लाइट समेत सभी मूलभूत सुविधाएं हैं। गांव में एक आंगनवाड़ी और पंचायत घर के साथ-साथ एक सामुदायिक हॉल भी है। साथ ही बच्चों के अध्ययन के लिए गांव में एक प्राथमिक विद्यालय और एक हाई स्कूल भी है। गांव में बैंक डाकघर के लिए अलग से भवन है और इस गांव में ग्रामीणों द्वारा एंबुलेंस की सुविधा भी शुरू की गई है। चीनी मिल के कारण ग्रामीणों को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है। इस ग्राम पंचायत में एक करोड़ रुपये बैंक सावधि जमा में रखे गए हैं। गांव के अंदर 12 फीट चौड़ी पक्की सड़कें और दोनों तरफ स्ट्रीट लाइट हैं।
(Photo : deshimoj.com)
सबसे बड़ी बात यह है कि इस सड़क को सरकार की मदद से नहीं बल्कि पंचायत ने बनाया है। गांव के बीच में एक बड़ी खुली झील है और यह काफी साफ है। झील के आसपास का नजारा इतना खूबसूरत है कि इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। गांव में शुद्ध पानी की व्यवस्था भी है। इसके साथ ही गांव में पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछा दी गई है। इस पूरे गांव में ऐसा कोई घर नहीं है जहां पानी की किल्लत हो। यहां पंचायत द्वारा पानी की टंकी का निर्माण कराया गया है।
अब अगर आप सोच रहे हैं कि इस गांव में स्वच्छता व्यवस्था की स्थिति अन्य गांवों की तरह होगी, तो आप बिल्कुल गलत हो सकते हैं। यहां की सड़कों की सफाई के लिए 22 सफाईकर्मियों की पूरी टीम है। वे सुबह अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं। वहीं, पंचायत की गाड़ी हर घर के सामने सुबह-शाम कूड़ा उठाने आती हैं।
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