सूरत : जानिये सचीन जीआईडीसी के उद्यमी क्यों हैं नाराज

सूरत : जानिये सचीन जीआईडीसी के उद्यमी क्यों हैं नाराज

आकारणी दर के टैक्स स्ट्रक्चर में 25 प्रतिशत की बढ़ौतरी की नोटिस मिली हैं

सूरत के सचिन में इस साल उद्योगकार को 25 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ जीआईडीसी कर भरने का नोटिस भेजा गया था। इस नोटिस को लेकर उद्योगपतियों में नाराजगी हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिन जीआईडीसी में नये चार वर्षीय ब्लॉक के निर्धारण दर यानी आकारणी दर में कर संरचना दर में 5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2250 प्लाट धारकों को नोटिस जारी किया गया है। इस बारे में नाराज उद्यमी का कहना है कि पिछले दो साल से कोरोना के कारण व्यापार का वैसे ही बुरा हाल है। अब जैसे-तैसे व्यापार शुरू हुआ है ऐसे में कर वृद्धि उचित नहीं है।
गौरतलब है कि अधिकांश उद्योगपति इस समय मंदी के दौर से गुजर रहे हैं।  ऐसे में उनकी मांग है कि व्यापार के हित में कर वृद्धि को वापस लिया जाना चाहिए। अंतिम चार वर्ष में 75 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। जबकि व्यापार-उद्योग की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।  अधिसूचित प्राधिकरण के पास चालू परियोजना को चालू रखने के लिए पर्याप्त धन है इसलिए इस वृद्धि को वापस लिया जाना चाहिए।
इस संबंध में जीआईडीसी के मुख्य अधिसूचित अधिकारी और जीआई डीसी के एमडी ने इस संबंध में पत्र लिखा है। जानकारों की माने तो इस विस्तार में प्लॉट में पहले कम कंस्ट्रक्शन होने से टैक्स कम था। अब इन प्लाटों में निर्माण कार्य में वृद्धि के कारण कर की राशि में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा ही संरचना दर की दर में वृद्धि के कारण कर में वृद्धि हुई है। लेकिन इसमें उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की बात भी की जा रही है। संरचना दर में वृद्धि के कारण संपत्ति के मूल्य में वृद्धि होने वाली है। नतीजतन, यदि कोई उद्यमी ऋण लेने के लिए बैंक जाता है, तो उसे पहले से अधिक ऋण मिलने की संभावना होती है।
Tags: