सूरत : तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए 9वीं से 12वीं तक के छात्रों का हुआ रैपिड टेस्ट

सूरत :  तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए 9वीं से 12वीं तक के छात्रों का हुआ रैपिड टेस्ट

धन्वंतरि रथ ने विभिन्न स्कूलों में टेस्टिंग शुरू की

बच्चों की टेस्टिंग का सिलसिला शुरू होने से अभिभावकों में काफी राहत है
सूरत महानगर पालिका ने अब स्कूलों में जाकर टेस्टिंग कराने की मुहिम शुरू की है।  राज्य सरकार की ओर से कक्षा नौ से 12 तक की कक्षाएं शुरू कर दी गई हैं। सूरत के डुंभाल इलाके के एमपी लिलियावाला स्कूल में निगम की टीम द्वारा छात्रों की टेस्टिंग की गई। राज्य सरकार ने सरकारी और निजी स्कूल प्रशासकों को सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सभी नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। निगम ने धन्वन्तरि रथ के माध्यम से छात्रों की कोरोना जांच शुरू कर दी है।
निगम की अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। धन्वंतरि रथ स्कूलों में पहुंचकर छात्रों का रैपिड टेस्ट शुरू कर दिया गया है। अभिभावकों को भी काफी राहत देखने को मिल रही है क्योंकि निगम की टीम ने स्कूलों से पूछकर सावधानी से बच्चों की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।  रैपिड टेस्ट बहुत ही जरुरी है ताकि बच्चों में कोरोना संक्रमण को कम फैल सके। 
पचास प्रतिशत उपस्थिति वाले स्कूलों को एक के बाद एक कोरोना टेस्टिंग की प्रक्रिया से गुजरना होगा। स्कूल संचालक भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। स्कूल प्रशासक, अभिभावक और प्रशासन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं।  स्कूल में बच्चों की संख्या भी कम होने के कारण रैपिड टेस्ट बहुत आसानी से हो रहे हैं।
निगम के उप स्वास्थ्य आयुक्त आशीष नाइक ने कहा कि स्कूलों के अंदर रैपिड टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। स्कूल को पहले से सूचित किया जाता है कि स्कूल में बच्चों का रैपिड टेस्ट कराया जाएगा। फिर हमारे धन्वंतरि रथ के कर्मचारी जाते हैं और निर्दिष्ट स्कूल के अनुसार छात्रों की परीक्षण प्रक्रिया शुरू करते हैं। धन्वंतरि रथ के कर्मचारी मौजूद रहकर शहर के स्कूलों में रैपिड टेस्ट करेंगे। अगर कोई छात्र पॉजिटिव आता है तो उसके संपर्क में आए छात्रों को जल्द ट्रेस कर रैपिड टेस्ट किया जाएगा। ताकि स्कूलों में कोरोना का संक्रमण न बढ़े।
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