सूरत : कोयले के दामों वृद्धि से प्रोसिसिंग उद्योग में बढ़ा चिंधियों का अवैध इस्तेमाल

सूरत : कोयले के दामों वृद्धि से प्रोसिसिंग उद्योग में बढ़ा चिंधियों का अवैध इस्तेमाल

कोयला के तुलना में आधी कीमत में मिलती है चिंधी

कोयले के दामों में वृद्धि के बाद डाइंग प्रोसेसिंग इकाई में पिछले दो माह से अवैध रूप से चिंधियों का इस्तेमाल बढ़ गया हँै। अवैध इंधन के इस्तेमाल को लेकर बवाल मचा हुआ है। चिंधियों का इस्तेमाल रोकने के लिए प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सदस्यों सूचना दी गई है।
कोयले के दाम फिलहाल 10,900 हो गया है। इसके अलावा बेजिक रो-मटेरियल गुवार-गम, एसिटीक एसिड और हाइड्रो के दाम भी 15-20 फिसदी से लेकर 60 फिसदी तक वृद्धि हुई है। प्रोसेसिंग उद्योग में अब कोयले बजाय टेक्सटाइल वेस्टेज चिंधियों का उपयोग शुरू हुआ है। चिंधियां मार्केट से 2500 रूपए टन के भाव से मिलती है। दरअसल, गुजरात पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की मार्गदर्शिका के मुताबिक चिंधिया अवैध इंधन है। लेकिन कोयले के दाम बढऩे से शहर के 80 से ज्यादा प्रोसेसिंग इकाईयां चिंधियों का उपयोग कर रहे है। उन्हें ऐसा नहीं करने की सूचना दी गई है।
सूत्रों के मुताबिक कुछ इलाके में चिंधियों का उपयोग को लेकर आकाश में काला धुंआ दिखायी दे रहा है। कोयले के तुलना में चिंधिया आधी कीमत में मिलती है। कुछ जन इसका इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करते होने की बात भी एसोसिएशन के ध्यान में आयी है। चिंधियों का उपयोग बंद नहीं किया गया तो गुजरात पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड को सूचित करने की चेतावनी दी गई है।

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