सूरत : जीएसटी को लेकर कपड़ा बाजार में बढ़ता विरोध, व्यापारियों ने मार्केटों में बैनर लगाकर विरोध जताया

सूरत : जीएसटी को लेकर कपड़ा बाजार में बढ़ता विरोध, व्यापारियों ने मार्केटों में बैनर लगाकर विरोध जताया

कपडे पर १ जनवरी से ५ प्रतिशत के बदले १२ प्रतिशत जीएसटी लागु होनेवाली है जिसका सूरत में व्यापारियों ने बैनर लगाकर शांतिपूर्वक विरोध करते व्यापारी

जे.जे. टेक्सटाईल मार्केटो में जीएसटी के खिलाफ बैनर लगाए गए, अगर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू होता है, तो इसका उद्योग पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है
सूरत में अब कपड़ा व्यापारियों के अंदर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। कपड़ा उद्योग के व्यापारी अब जीएसटी को लेकर लड़ाई के मूड में हैं। जीएसटी दरो में प्रस्तावीत वृद्दि को हटाने की मांग को लेकर सूरत के कुछ कपड़ा मार्केटों में व्यापारियों ने सोमवार को  बैनर लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।  कपड़ा व्यापारियों में टेक्सटाइल पर 12 प्रतिशत जीएसटी खत्म करने का स्वर एक साथ बह रहा है।  टेक्सटाइल पर जीएसटी लागू करने के फैसले से खासा असंतोष है। व्यापारी इशारा कर रहे हैं कि अगर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू होता है, तो इसका उद्योग पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। कपड़ा मंत्री समेत सभी प्लेटफॉर्म पर व्यापारी लगातार आवाज उठा रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि मौजूदा समय में लागू 5 प्रतिशत जीएसटी को बरकरार रखा जाए। अगर जीएसटी को 12 प्रतिशत की दर से लिया जाता है, तो आने वाले दिनों में इसका खुदरा उद्योग पर भारी असर पड़ेगा। अगर जीएसटी लागू हो जाता है तो स्थिति और खराब हो जाएगी और कपड़ा उद्योग को जीवित रहने में मुश्किल हो सकती है। 
जे.जे. टेक्सटाईल मार्केटो में जीएसटी के खिलाफ बैनर लगाए गए
 
फोस्टा के पूर्व अध्यक्ष एवं कपडा व्यापारी श्रीकृष्ण बंका ने जानकारी देते हुए कहा कि जे.जे.एसी मार्केट के मुख्य गेट पर व्यापारी बैनर लगाकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं, जिसका सभी कपड़ा व्यापारी समर्थन कर रहे हैं। अगर आने वाले दिनों में सूरत शहर से जीएसटी आंदोलन शुरू हो जाए तो हैरान न हों। आज हर व्यापारी भ्रमित है और इसलिए ऐसे बैनर लगाए जा रहे हैं। 12 प्रतिशत जीएसटी लागू करना उचित नहीं है। टेक्सटाइल मार्केट एसोसिएशन और देश भर के विभिन्न संघों और संगठनों के सहयोग से निरंतर प्रतिनिधित्व शुरू कर रहे हैं। जीएसटी परिषद को सबमिशन पर विचार करना चाहिए। अभी बाजार में जो हो रहा है, वह व्यापारियों का आक्रोश सामने आना शुरू हो रहा है। 
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