सूरत : पत्नी के साथ अवैध संबंध के शक में ट्यूशन टीचर की हत्या मामले में चार को आजीवन कारावास

30 हजार में दी थी सुपारी, नायलॉन की दोरी से गला दबाकर लाश रेलवे फाटक पर फेंक दी थी

लिंबायत क्षेत्र में आज से 6 साल पहले शिक्षक की हत्या करने के मामले में चार लोगों को अपराधी मानते हुए कोर्ट ने उम्रक़ैद की सजा के साथ 50000 का दंड दिया है। मिली जानकारी के अनुसार लिंबायत क्षेत्र में रहने वाले शिकायतकर्ता जितेंद्र जसवंत पाटिल के मामा तथा रविंद्र पाटील वर्ष 2015 में 11 जून के रोज अपने दोस्त के यहां भोजन के लिए जा रहे हैं ऐसा कह कर निकले थे। लेकिन वापस नहीं आए थे। 
देर शाम  तक वापस नहीं लौटने के बाद जब उन्हें खोजा गया तो उनकी लाश गोड़ादरा फाटक से मानसरोवर की ओर जाने वाले रोड पर मिली थी। उनकी पहचान जितेंद्र ने की और पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई। 
पुलिस ने जांच पड़ताल करना शुरू किया तब पता चला कि भाऊराव पाटिल को शक था कि मृतक शिक्षक रविंद्र पाटील का उसकी पत्नी के साथ  अफेयर है जिससे कि भाऊसाहेब पाटील ने अपने साथ हिलाल पाटिल, हरेंद्र मार्कण्ड राजभर को बुलाकर आरोपी रामचंद्र  गावठी हिम्मत पाटिल को तीस हज़ार  रुपए में रविंद्र पाटिल की हत्या करने की सुपारी दी थी। 
आरोपियों ने 11 जून 2015 को गैस गोडाउन में बुलाकर नायलॉन की डोरी से फांसी लगाकर रविंद्र पाटील की हत्या कर दी और ज्वेलरी भी ले ली। इसके बाद लाश को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। इस मामले में लिंबायत पुलिस ने सबूतों के आधार पर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। सरकार की ओर से एपीपी राजेश डोबरिया और शिकायतकर्ता की ओर से धर्मिष्ठा पटेल एवं सिद्धार्थ कटियार ने घटना की तमाम  कड़ियों को व्यवस्थित ढंग से पेश किया था। कोर्ट ने इस मामले में चारों आरोपियों को आजीवन कैद और ₹50000 दंड की सजा सुनाई।
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